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राज्य के विश्वसनीय सलाहकार और मार्गदर्शक होते हैं राज्यपाल : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति कोविन्द ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप-राज्यपालों के 49वें सम्मेलन को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल की भूमिका राज्य सरकार के विश्वसनीय सलाहकार और मार्ग-दर्शक की होती है और संघीय ढांचे की वह एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस वर्ष के सम्मेलन का एजेंडा तय करते समय यह फ़ोकस रखा गया था कि विकास की यात्रा में पीछे रह गए देशवासियों के हित में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी आप सभी को मिले और उन पर विस्तार से चर्चा हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न राज्यों में जिन 115 ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में तेज गति से विकास करने का संकल्प किया गया है उसके क्रियान्वयन के बारे में आप सबको पूरी जानकारी मिले। देश में अनुसूचित जनजातियों की लगभग दस करोड़ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा, संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में रहता है। विकास की दृष्टि से अपेक्षाकृत पीछे रह गए इन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में आप उचित मार्ग-दर्शन दे सकते हैं

रामनाथ कोविन्द ने कहा कि हमारे देश के 69% प्रतिशत विश्वविद्यालय राज्य सरकारों के नियंत्रण में चल रहे हैं, जिनमें 94% विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अपने पद, अधिकार और अनुभव का उपयोग करते हुए आप सब शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए मार्ग-दर्शन और प्रेरणा प्रदान करते हैं। आप सभी यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि राज्यों के विश्वविद्यालयों में समय पर तथा पारदर्शी तरीके से विद्यार्थियों के दाखिले तथा अध्यापकों की नियुक्तियां हों। साथ ही परीक्षाएं, परिणामों की घोषणा तथा दीक्षांत समारोह, नियत समय पर आयोजित हों।

राष्ट्रपति ने बताया कि भारत सरकार ने 2 अक्टूबर, 2018 से आरंभ करके चौबीस महीनों तक महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया है। सार्थक सामाजिक बदलाव के लिए काम करना ही गांधी जी की स्मृति को संजोए रखने का सबसे अच्छा तरीका है।

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