दिन में ड्यूटी और रात में सुंदर कांड का पाठ करते हैं पुलिसकर्मी
( कीर्ति राणा )
मध्यप्रदेश। इंदौर के विभिन्न थानों में पदस्थ ऐसे कई पुलिसकर्मी हैं जो थाने की ड्यूटी पूरी करने के बाद रात में सुंदर कांड के पाठमें नियमित हाजिरी लगाते हैं।यह सिलसिला बीते चार दशक से भी अधिक समय से चल रहा है।इन पुलिसकर्मियों को प्रेरित करने से लेकर शहर में रामायण मंडलों के गठन के लिए प्रेरित करने का काम लकड़ी पीठाव्यवसायी-गांधीनगर रामायण मंडल के संचालक (स्व)रघुवीर सिंह चौहान को जाता है। पुलिस कर्मियों वाले दोरामायण मंडल दूसरी पल्टन रोकड़िया हनुमान मंदिर और चौथी पल्टन रामायण मंडल हैं। इनमें चौथी पल्टनमंडल का 42 वां वार्षिकोत्सव महाशिवरात्रि पर 20 फरवरी को है।आमजन में पुलिसकर्मियों की बनी छवि से उलट रामायण मंडलों में हाजिरी लगाने वाले सैकड़ों पुलिसकर्मी वर्षों से सुंदर कांड पाठ के माध्यम से रामायण के प्रचार प्रसार में तो जुटे ही हैं पुलिस की बेहतर छवि बनाने मेंभी सहयोग कर रहे हैं।ट्रैफिक थाने के समीप एमटीएच कंपाउंड स्थित दुर्गा माता मंदिर की स्थापना से लेकर सौंदर्यीकरण का कार्य में भी पुलिसकर्मियों की मुख्य भूमिका रही है।
-शहर के सभी रामायण मंडल हाजिरी
शहर के सभी रामायण मंडल हाजिरी लगाएंगे 20 फरवरी को चौथी पल्टन मंडल के वार्षिकोत्सव में लंबे समय पंढरीनाथ, एमजी रोड, मल्हारगंज थाने में एसआई रहे और गौतमपुरा टीआई पद से सेवानिवृत्त हुएकुंजनसिंह बुंदेला कहते हैं चौथी पल्टन रामायण मंडल सहित अधिकांश रामायण मंडलों की स्थापना का श्रेयस्व रघुवीर सिंह चौहान को जाता है।अभी 20 फरवरी को 42 वें वार्षिकोत्सव में शहर के सभी रामायण मंडलहाजिरी लगाएंगे। कर्फ्यू और सांप्रदायिक तनाव आदि के दौरान जब ड्यूटी से मुक्त नहीं हो पाते थे बस उन्हीं दिनों सुंदर कांड नहीं कर पाए बाकी तो सतत 41 वर्षों से सिलसिला चल रहा है।जिन पुलिस कर्मियों की रातमें ड्यूटी रहती है उनके लिए टीआई, सीएसपी भी कई बार सदाशयता दिखा देते हैं कि पाठ करने ही तो जा रहे हैं। पितृ पर्वत पर होने वाली हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले सवा लाख सुंदरकांड पाठ के लिए सभी रामायण मंडलों की भागीदारी तय करने का दायित्व कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला नेबुंदेला को सौंप रखा है। पितृ पर्वत पर 14 फरवरी से सुबह 10 से रात 9 बजे तक विभिन्न मंडलों से जुड़े कार्यकर्ता पाठ कर रहे हैं।
-शुरुआती दौर में पांच मंडलों में दो मंडल पुलिसकर्मियों के
शुरुआती दौर में पांच मंडल थे गांधीनगर मंडल, पाटनीपुरा मंडल, बाणगंगा मंडल, नेहरु नगर मंडल, पुलिसकर्मियों-परिजनों की भागीदारी वाले चौथी पल्टन रामायण मंडल की स्थापना स्व बालमुकुंद सिंह तोमर, दूसरी पल्टन मंडल की स्थापना राम निवास शुक्ला ने की है।अभी 100 से अधिक मंडल हैं। पुलिसकर्मी सुरेंद्रसिंह भदोरिया, कमल जाट, कैलाश जाट, कैलाश मिश्रा, विजय तिवारी, गेंदालाल पाल, रामकिशोर पांडे, प्रमोद दुबे ( संचालक), शरद, गोपी, लक्ष्मण सिंह राठौर, केशव राव खेड़कर, श्रीधर झरकर, कैलाश चौधरी, रामनारायण मालवीय, देवेंद्र सिंह राठौर, विपिन, रिंकू राठौर, अभिषेक सिंह आदि शनिवार, मंगलवार कोविभिन्न परिवारों में निशुल्क पाठ करते हैं।
-हजारों घरों में तो विजयवर्गीय
अयोध्या कहे जाने वाले क्षेत्र क्रमांक 4 से विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने एक सभामें कहा था कि वे इंदौर में 10 हजार घरों में भजन गा चुका हूं।मंडलों में भजन गायक के साथ ही विजयवर्गीयकी जनप्रिय छवि बनाने वाले (स्व) रघुवीर सिंह चौहान गांधीनगर से साइकल पर आते थे और शहर में होनेवाले रामायण पाठ में एक भजन गाने जरूर पहुंचते थे।पत्रकार नारायण भूतड़ा बताते हैं मृत्युपर्यंत उन्होंने करीब 50 हजार घरों में पाठ के दौरान भजन गाए हैं।