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PMO का प्लान, 45 हजार गांव 750 अधिकारियों के हवाले

प्रधानमंत्री कार्यालय ने करीब 750 अधिकारियों को देश के 115 जिलों के 45,000 गांवों में सात सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी है.

ग्राम स्वराज अभियान (GSA) के दूसरे संस्करण के तहत होने वाले इन कार्यों पर खुद प्रधानमंत्री कार्यालय की गहन निगरानी होगी. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, हर 75 गांव के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है और उसको निर्देश दिया गया है कि 15 अगस्त तक निर्धारित गांव में चार से सात दिन का कम से कम तीन दौरा करें.

हर जिले के लिए एक प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति की गई है, जो संयुक्त या अतिरिक्त सचिव की भूमिका में रहेगा. 322 डायरेक्टर, डिप्टी सिक्योरिटी ऑफिसर और 322 अंडर सेक्रेटरी को नोडल ऑफिसर की भूमिका में रखा जाएगा.

हर प्रभारी अधिकारी से 10 नोडल अधिकारी जुड़े होंगे, जो अधिकारियों के गांव में दौरे की व्यवस्था करेंगे. पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, कौशल, कृषि में सात सरकारी योजनाओं का चुनाव किया गया है.

इसके लिए दिल्ली के कृषि भवन में एक कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है, जहां बैठकर प्रभारी अधिकारी योजनाओं में हुई प्रगति की निगरानी कर सकेंगे.

सबसे ज्यादा गांव बिहार के

इस व्यवस्था के तहत चुने हुए गांवों में सबसे ज्यादा 8,569 गांव बिहार के हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल के 7,981 गांव, झारखंड के 6,512 गांव, यूपी के 5,130 गांव और मध्य प्रदेश के 3,048 गांव शामिल किए गए हैं.

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