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देश के छह प्रमुख शहरों में शुरू किए गए लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आज समीक्षा करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम नरेंद्र मोदी आज देश के छह प्रमुख शहरों में शुरू किए लाइट हाउस प्रोजेक्ट(Light House Projects) की समीक्षा करेंगे। ये छह शहर अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) हैं। पीएम मोदी द्वारा देश के छह प्रमुख शहरों में शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट को लेकर लोगों में उत्साह तो है, लेकिन इसमें देरी भी हो रही है। पीएम मोदी पहली बार लाइट हाउस प्रोजेक्ट(Light House Projects) की समीक्षा करने वाले हैं। सुबह 11 बजे वह वर्चुअल माध्यम से विभिन्न शहरों की स्थिति देखेंगे।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने प्रोजेक्ट पूरा होने की मियाद एक साल रखी थी, लेकिन बीच में कोरोना लाकडाउन के कारण काम पूरी तरह ठप रहा। आक्सीजन की कमी के कारण फैक्टरियों से बीम-कालम आदि तैयार नहीं हो पाए और मजदूर भी नदारद थे। अब दोबारा काम शुरू किया गया है। पीएम वन वे कम्युनिकेशन करेंगे और इस दौरान स्थानीय अधिकारियों से कोई बात नहीं होगी। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी उन्हें विभिन्न प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति की जानकारी देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नए साल के पहले दिन छह राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट (LHP) की नींव रखी थी। उन्होंने ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (GHTC) के तहत अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) में लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी। इसके तहत हर शहर में इस तरह के एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है जिसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है यह योजना ?

लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं।इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है। इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे।

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