कोराना की दहशत : विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो के मंदिरों के गेट पर लटके ताले
( कमलेश पाण्डेय )
छतरपुर जिले की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो के विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित खजुराहो के मंदिरों को कोरोना संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से जारी आदेश अनुसार, आगामी 31 मार्च तक के लिए इन मंदिरों में पर्यटकों के लिए प्रवेश निषेध किया गया है मंदिरो के प्रवेश द्वार पर शासन के आदेश पर ताला लटका दिया गया है। पूरी दुनिया को अपनी आगोश में लेने वाला अत्याधिक खतरनाक वायरस कोरोना के भय के चलते जिस तरह पाबंदियां लगा कर इस संक्रमण को रोकने की कवायद चल रही है ,उसी के तहत पर्यटन नगरी खजुराहो के विश्व विरासत सूची में सम्मिलित इन मंदिरों के गेट पर भी ताला लटका दिया गया है तथा पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया गया है उक्त आशय की जानकारी देते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सुभाष कुमार ने बताया कि आगामी 31 मार्च तक मंदिरों में पर्यटकों का प्रवेश निषेध रहेगा, तथा आगामी आदेश के पश्चात निर्धारित होगा कि मंदिरों का गेट कब खोला जाएगा?
— पर्यटक हुए निराश
सुबह जब कुछ विदेशी पर्यटकों के ग्रुप मंदिर भ्रमण पर आए तो वह गेट बंद देखकर चकित रह गए ,उनको घुमाने वाले गाइड पर्यटकों को लेकर मतंगेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे तथा वहीं से उन्होंने मंदिरों का दीदार करवाया और खजुराहो के मंदिरों के बारे में पर्यटकों को जानकारी प्रदान की, उक्त संबंध में खजुराहो के वरिष्ठ गाइड पप्पू शर्मा ने बताया कि अचानक इन गेट को बंद करके आए हुए पर्यटकों को निराशा हुई है हालांकि इस भयानक बीमारी को रोकथाम हेतु किए गए उपाय के लिए इन पर्यटकों का भी समर्थन प्राप्त है ।
गाइड प्रकाश पटेल ने भी कहा कि इस बीमारी के रोकथाम हेतु इस तरह के किए जा रहे उपाय निश्चित रूप से प्रशंसनीय हैं, खजुराहो जो की पूर्णता पर्यटन पर आधारित है हालांकि इस तरह से पर्यटकों के आवागमन में हुई रोक से गिरते पर्यटन व्यवसाय से चिंतित जरूर है, लेकिन कोरौना जैसी भयंकर बीमारी से बचाव हेतु किए जा रहे प्रयास पर अपनी सहमति भी व्यक्त कर रहे हैं ।
अब देखना है कि इस भयंकर संक्रमण से बचने हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयास कितने सार्थक होते हैं एवं आने वाले समय में इस बीमारी से निजात पाकर कब फिर से खजुराहो का पर्यटन व्यवसाय अपनी पटरी पर आ पाता है
— साईं मंदिर में प्रसाद वितरण स्थिगित
करोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए श्री साईं सेवा समिति ने अपने साप्ताहिक प्रसाद वितरण भंडारा कार्यक्रम को अनुकूल परिस्थितियों बनने तक के लिए स्थिगित कर दिया है।साथ ही भक्तों से मंदिर परिसर में भीड़ भाड़ से बचने की अपील की। श्री साईं सेवा समिति के अध्यक्ष प्रदीप खरे मन्टू ने बताया कि बाबा श्री साईं की कृपा अपने भक्तों पर सदा रहती है और वे ही हम सभी के रक्षक हैं पर सावधानी बरतने में ही हमारी सुरक्षा है।गुरुवार के भंडारा खिचड़ी प्रसाद वितरण में हजारों की संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचने के लिये इस सालों पुरानी परंपरा को फिलहाल स्थिगित कर दिया गया है, साथ ही मन्दिर परिसर में मिलने वाले चरणामृत, प्रसाद और तिलक लगाने की परम्परा को भी रोकते हुए भक्तों से इन सब से बचने की अपील की। श्री खरे ने इस दौरान भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हुए बताया कि इस संक्रमण को लेकर प्रशासन की ओर से भी लगातार जन सामान्य को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, हम सभी की भी ये जिम्मेदारी बनती है कि हम सब भी अपनी सुरक्षा में सावधानी बरतें,भीड़भाड़ से बचें।समिति ने इस दौरान भक्तों को होने वाली समस्या के लिए क्षमा याचना करते हुए सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि बहुत जल्द ही पूरे तरीके से हालात सामान्य हो जाएंगे और सारी व्यबस्थाओं को पुनः शुरू किया जायेगा।