पाकिस्तान से अब भारत के पान का भी रिश्ता टूटा
—छतरपुर के किसानों ने पाक से पान भेजने से इंकार किया
ये भारत है…यहां देश से बडा कुछ नहीं। जब देश पर बात आ जाए तो क्या कारोबार क्या जान, सब देश पर कुर्बान कर देते है भारतीय। पुलवामा आंतकी हमले में पाकिस्तान के शामिल होने की बात सामने आने के बाद सब अपने अपने तरीके से पाक को सबक सिखाने को कमर कस ली है। देश के दिल मप्र के छतरपुर के पान किसानो ने पाकिस्तान को पान भेजने से इंकार कर दिया है। इस तरह अब पाकिस्तान से पान का रिश्ता भी खत्म हो गया।
छतरपुर जिले से सप्ताह में लाखों रूपए का पान बाया मेरठ और शहांरगपुर से पाकिस्तान भेजा जाता है। पाकिस्तान में छतरपुर के पान की काफी मांग हैं। अब किसानो से व्यापारियों से साफ कह दिया है कि पाकिस्तान भेजने के लिए उनके पास नहीं है वो अपनी फसल खेत में खाराब कर लेंगे लेकिन पाकिस्तान पान नहीं भेजेंगे, हलांकि छतरपुर का पान श्रीलंका भी भेजा जाता है, पर यहां पाकिस्तान के बाराबर खपत नहीं होती है। किसानों को पाकिस्तान पान नहीं भेजने से प्रति किसान 20 लाख रूपए का नुकसान होगा। किसान नुकसान झेलने को तैयार है लेकिन देश पर हमला बर्दासत नहीं करेगा। किसानो एक राय होकर निर्णय किया है कि अब चाहे जो हो जाए वो अपना पान पाकिस्तान नहीं भेजेंगे।
गौरतलब है कि छतरपुर जिले गढीमलहरा,महाराजपुर पिपट,महोबा में पान की बडे स्तर पर पान की खेती की जाती है। एक सीजन में करोडों का पान किसान पाकिस्तान और श्रीलंका भेजते है। इन इलाको के पान की काफी मांग है, इसका स्वाद लोगो को बहुत पंसद आता है। किसानो के पान ने भेजने के निर्णय से पाकिस्तान में पान के शौकीन वंचित हो सकते हैं ।
इससे पहले मप्र के झाबूआ जिले के किसानो ने पाकिसतान को टमाटर देना बंद कर दिया है। यहां से कई टन टामटर हर सप्ताह पाक भेजा जाता है। पेटलावाद का टमाटर पाक में काफी पंसद किया जाता है। किसान टमाटर को सास्ते दाम पर भारत में ही बेच रहे हैं। देश के अन्य इलाको के किसानों ने भी पाक को सब्जी देना बंद कर दिया है वहीं कारोबारियों ने पाक से आने वाली वस्तुओं को बेचने से इंकार किया है।