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पानी के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, इमरान ने कहा- बांध बनवाने में मदद करें लोग

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पानी की समस्या के विकराल रूप के बारे में जिक्र किया और इसकी समस्या से निजात पाने के लिए बांध बनवाने की बात कही और इस काम वास्ते हरसंभव मदद की गुहार लगाई, साथ ही वादा किया कि उनके पैसों का दुरुपयोग नहीं होगा.

अगस्त में पाक की कमान संभालने वाले क्रिकेटर से नेता, फिर प्रधानमंत्री बने इमरान ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद वह देश की समस्याओं और योजनाओं पर लगातार प्रजेंटेशन ले रहे हैं. हम कर्ज, बिजली की समस्या, गैस मामले और विदेश मामलों आदि मसलों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं.

10 सालों में बढ़ गया कर्ज

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले पाकिस्तान का कर्जा 6 हजार अरब रुपये था जो अब बढ़कर 30 हजार अरब तक पहुंच गया. इस कारण हमें काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. देश में पानी की समस्या सबसे बड़ी और अहम समस्या है. पाकिस्तान की आजादी के समय हर पाक नागरिक के हिस्से में 5,600 क्यूबिक मीटर आता था, जबकि आज घटकर 1,000 क्यूबिक मीटर हो गया है.

पानी की कमी दूर करने के लिए बांध की जरूरत की ओर इशारा करते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में पानी की समस्या विकराल हो गई है. आज हमारे देस में पानी की स्टोरेज क्षमता महज 30 दिन की ही है जबकि हिंदुस्तान में 190 दिनों की है. इसका मतलब है कि देश के लिए बांध बनवाना बेहद जरूरी हो गया है, अगर हमने बांध नहीं बनवाए तो आने वाले सालों में स्थिति बेहद खराब हो जाएगी. अगर अभी बांध नहीं बनाए गए तो अगले 7 सालों में यानी 2025 में स्थिति बेहद भयावह हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर पानी नहीं होगा तो खेती करने में खासी दिक्कत आएगी.

हर कोई करे मदद

करीब 8 मिनट के अपने संबोधन में इमरान ने कहा, ‘यह स्थिति अचानक पैदा नहीं हुई. पिछले 30 सालों में स्थिति बेहद खराब हुई है, पहले के नेताओं को इस पर सोचना चाहिए था. मुख्य न्यायाधीश ने इसको लेकर जो पहल की है वो काबिलेतारीफ है. मैं मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री का फंड एकत्र करूंगा. मुख्य न्यायाधीश के फंड में 180 करोड़ एकत्र कर लिया है. मैं दुनिया में बसे हर पाकिस्तानी से अनुरोध करता हूं कि वे पाक में बांध (डाइमर बाशा और मोहम्मद डैम) के निर्माण में मदद करें, साथ ही पाक में बसे लोगों को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए.’

उन्होंने कहा कि विदेश में बसे करीब 80-90 लाख पाक मूल के लोग अगर औसतन एक हजार डॉलर भेजेंगे तो हमें किसी तरह की कोई कमी नहीं आएगी. हमें किसी से कोई कर्ज नहीं लेना पड़ेगा. विदेश में बसे लोगों की मदद से पैसा आने पर हम महज 5 साल में ही बांध बना लेंगे. जो लोग 1 हजार डॉलर नहीं भेज सकते वो अपनी यथासंभव कोशिश कर पैसा भेजें.

प्रधानमंत्री इमरान ने बांध बनवाने के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाते हुए मिस्र का जिक्र किया और कहा कि उस देश के पास भी बांध बनवाने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उसने लोगों से पैसा इकट्ठा किया और बांध बनवाया.

इमरान ने लोगों से इस बात का भी वादा किया कि बांध के निर्माण के लिए भेजे गए पैसे का इस्तेमाल सिर्फ इसी काम के लिए किया जाएगा. उनके पैसे का कोई दुरुपयोग नहीं होगा.

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