इमरान खान बोले- 11 अगस्त को लूंगा पाकिस्तान के PM पद की शपथ
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि वह 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से चुने गए सांसदों से इस्लामाबाद में बात करते हुए उन्होंने यह जानकारी दी. दूसरी तरफ, पाकिस्तान के दो अन्य प्रमुख दलों पीएमएल (नवाज) और पीपीपी ने हाथ मिलाकर नेशनल एसेंबली में नई सरकार के साथ सख्ती से पेश आने का निर्णय लिया है.
इमरान की पार्टी को महज 115 सीटें मिली हैं जो साधारण बहुमत से 22 सीटें कम है. अखबार डॉन की वेबसाइट के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने मिलकर नेशनल एसेंबली में एक ‘समन्वित संयुक्त रणनीति’ अपनाने का निर्णय लिया है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी नेशनल एसेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तो उभरी है, लेकिन उसे बहुमत हासिल नहीं हुआ है. पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक उसे कुल 115 सीटें ही मिली हैं. पाकिस्तान के कानून के मुताबिक किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिए उसके पास कम से कम 137 सीटें होनी चाहिए. पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव हुए थे.
पीटीआई ने रविवार को कहा था कि सरकार बनाने के लिए वह छोटे दलों और निर्दलीय सांसदों के संपर्क में हैं.
इस नतीजे के हिसाब से पहली नजर में तो लग रहा है कि इमरान साधारण बहुमत से 22 सीटें दूर हैं. लेकिन गणित इनता साधारण नहीं है, इसमें एक पेच है. पीटीआई के कुछ नेता कई सीटों पर विजयी हुए हैं और वे केवल एक सीट पर ही बने रह सकते हैं. जैसे खुद इमरान खान पांच सीट पर चुनाव जीते हैं और उन्हें चार सीटें छोड़नी होंगी.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को 64 और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) को 43 सीटें मिली हैं. दोनों दल मिलकर पीटीआई सरकार को नेशनल एसेंबली में कड़ी टक्कर देंगे.
पीटीआई ने साफ किया है कि वह सरकार बनाने के लिए PML-N और PPP की मदद नहीं लेगी, इसलिए अब इमरान को कई छोटे-छोटे गुटों का सहारा लेना होगा. उन्हें साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 137 सीटें चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीटीआई के नेता मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) और कई निर्दलियों के संपर्क में हैं. एमक्यूएम-पी के पास छह सीटें हैं. नेशनल एसेंबली में 13 निर्दलीय चुनकर आए हैं. पीटीआई नेताओं ने सिंध के ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) से भी समर्थन के लिए संपर्क किया है. जीडीए के पास दो सांसद हैं. हालांकि, अभी तक जीडीए ने समर्थन का संकेत नहीं दिया है.