एशिया की तीन बड़ी शक्तियां भारत, पाकिस्तान और चीन ने एक साल के अंदर अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा किया
एशिया की तीन बड़ी शक्तियां भारत, पाकिस्तान और चीन ने एक साल के अंदर अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा किया है। जहां परमाणु हथियारों के मामलों मे पाकिस्तान भारत से आगे है वहीं चीन के पास भी इसकी दोगुनी संख्या मौजूद है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं जबकि चीन के पास भारत की तुलना में दोगुने परमाणु हथियार हैं। सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा मुकम्मल है। इसके साथ ही निगरानी की क्षमता और पलटवार करने के मामले में भी अपने परमाणु हथियारों को भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने आगे बताया है। भारत इसमें और आधुनिकीकरण पर काम कर रहा है।
पाकिस्तान के पास इस समय 140-150 परमाणु हथियार हैं जबकि भारत के पास 130-140 हथियार मौजूद हैं। वहीं चीन के पास लगभग 280 हथियार हैं। अमेरिका और रूस की बात करें तो उनके पास 6,450 से 6,850 हैं। दोनों के पास दुनिया के 92 प्रतिशत हथियार हैं। भारत और पाकिस्तान ने एक साल के अंदर 10-10 नए परमाणु हथियार बनवाए हैं।
दूसरे सात परमाणु सशस्त्र देशों के हथियार काफी छोटे हैं लेकिन वह अपनी परमाणु हथियार प्रणाली को या तो विकसित कर रहे हैं या फिर विस्तार दे रहे हैं। सीपरी का कहना है, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने परमाणु हथियारों को बड़ी मात्रा में संचित करने के साथ ही जमीन, हवा तथा समुद्र से दागे जाने वाले मिसाइलों का विकास तेज कर दिया है। चीन लगातार अपने परमाणु प्रणाली का आधुनीकिकरण कर रहा है और अपने हथियारों के आकार को छोटा बना रहा है।’
रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान से होने वाले खतरे के मद्देनजर भारत के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इसी वजह से उसे ऐसे परमाणु प्रतिरोधक क्षमता वाले हथियारों का निर्माण करना पड़ रहा है जो विश्वसनीय हों और जवाबी कार्रवाई में दुश्मन को व्यापक क्षति पहुंचाने में सहायक हो सकें।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार का विस्तार कर रहे हैं और नए जमीन, समु्द्र और वायु में मार करने वाले मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का विकास कर रहे हैं। चीन भी अपने परमाणु हथियार प्रणाली का विकास कर रहा है और धीरे-धीरे अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है।