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अब मेरठ के फौजी ने पाकिस्तान को बेची ब्रह्मोस की जानकारी!

आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में नागपुर से ब्राह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर निशांत की गिरफ्तारी के बाद मेरठ कैंट से भी सेना के एक जवान को आर्मी इंटेलिजेंस ने पकड़ा है। एक सिविल जांच एजेंसी के इनपुट पर उसे सेना के खुफिया विभाग ने सर्विलांस पर ले रखा था। संदेह पुख्ता होने पर इस जवान को नौ अक्तूबर को ही पकड़ लिया गया। मामला सेना से जुड़ा होने के चलते जवान की पहचान गोपनीय रखी गई है।

ब्रह्मोस जासूसी से जुड़े होने की आशंका
लखनऊ स्तर के रक्षा जनसंपर्क के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में जवान से पूछताछ चल रही है। माना जा रहा है कि यह मामला भी ब्रह्मोस जासूसी प्रकरण से जुड़ा हो सकता है। रक्षा जनसंपर्क के एक अधिकारी ने बताया कि सेना के खुफिया अधिकारी इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं । जवान पर सोशल मीडिया के जरिए संवेदनशील सूचनाएं लीक करने का आरोप है। बताया गया है कि यह जवान मेरठ कैंट में सिग्नल रेजीमेंट में पिछले दो साल से तैनात है। अधिकारी ने बताया कि जवान से इस बाबत पूछताछ की जा रही है कि क्या उसने पश्चिमी कमान से संबंधित गोपनीय एवं महत्वपूर्ण सूचनाएं सोशल मीडिया के जरिए भेजी हैं।

जांच के लिए चंडीगढ़ ले गए
सुरक्षा की दृष्टि से मेरठ कैंट बेहद संवदेनशील और अहम है। दिल्ली के करीब होने के चलते मेरठ कैंट का विशेष सामरिक महत्व है। जिस यूनिट में यह जवान तैनात था उसका हेडक्वार्टर चंडीगढ़ में है। सूत्रों की मानें तो आगे की कार्रवाई और जांच-पड़ताल के लिए जवान को चंडीगढ़ ले जाया गया है। यह जवान करीब दस साल से सेना में तैनात है और मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला बताया गया है। जवान से पूछताछ की जा रही है कि क्या पश्चिमी कमान से संबंधित कोई भी गोपनीय जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से लीक हो गई है। अगर इस जवान पर जासूसी का संदेह जांच में पुष्ट हुआ तो इसके खिलाफ कोर्ट मार्शल किया जाएगा।

ब्राह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर भी था आईएसआई एजेंटों के संपर्क में
इस महीने की शुरुआत में इसी तरह के मामले में जासूसी के आरोप में नागपुर में एक ब्राह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया था। इंजीनियर निशांत अग्रवाल को महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आतंकवादी विरोधी इकाइयों द्वारा संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। बाद में निशांत को लखनऊ ले जाया गया जहां पूछताछ की गई। अधिकारियों ने कहा कि वह दो फेसबुक खातों के माध्यम से संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में था।

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