अब सुनियोजित तरीके से अपने लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाया जाये
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]डॉ. शालिनी शुक्ला[/mkd_highlight]
संसार में सर्वश्रेष्ठ रचना है, मानव। अन्य सभी प्राणियों के सौंदर्य और उपयोगिता के बाबजूद मनुष्य अपनी बुद्धि के कारण सबका स्वामी बन जाता है। क्योंकि मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है, जिसमें विकसित बुद्धि के साथ विचार करने की क्षमता होती है। इसलिए हम सभी सौभाग्यशाली है, कि हम मानव हैं। मानव निरंतर चिंतनशक्ति द्वारा नित नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति हेतु प्रयत्नशील रहता है। जो कि उसके आगामी लक्ष्य में साधक सिद्ध होती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। यदि हमारा लक्ष्य निश्चित है, तो पथ खोजना आसान हो जाता है। जिसे अपने जीवन का लक्ष्य ही नहीं पता है, वह किस मार्ग से जाये ? उसके जीवन में सबसे बड़ा प्रश्न बना रहता है। हम सभी सुबह अपने अपने कार्य और व्यवसाय हेतु निकलते हैं और अपने कार्य सम्पन्न कर शाम को अपने घर को लौट आते हैं, बिना किसी शंका और सवाल के। किन्तु जिनका घर ही नहीं है, वे कहां के लिए लौटें ? अपने कार्य की समाप्ति के बाद किधर के लिए तैयार होंगे। रात्रि विश्राम और भोजन कहां होगा ? क्या कोई उनकी प्रतीक्षा में आंखें फैलाए बैठा है ? ऐसा कुछ भी नहीं होता, क्योंकि उनके पास लक्ष्य नहीं है।
इसी प्रकार आपके विद्यार्थी जीवन का प्रथम पड़ाव आ गया है, अब आपको अपने भविष्य पथ का निर्धारण करके आगे बढ़ना चाहिए। क्योंकि आज कड़ी प्रतियोगिता का दौर है। नौकरी, व्यापार, राजनीति जैसे बड़े क्षेत्रों के साथ जीवन के छोटे छोटे हिस्से में भी आपाधापी मची रहती है। इसलिए बहुत जरूरी है, कि सुनियोजित तरीके से अपने लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाया जाये। जिससे उद्देश्यपूर्ति में सहजता हो।
यह इक्कीसवीं सदी का दौर है, रोजगार और समृद्धि के हजार द्वार आपके सामने हैं। बस जरूरत है, अपने हुनर को पहचान कर सही कदम उठाने की। इंटरनेट और ऑनलाइन कार्य करने के तरीके से जीवन के साथ समाज भी गतिशील ही गया है। जिस काम के लिए पहले हमें सोचना, इंतजार करना और समय खर्च करना पड़ता था, वह सब आज पलक झपकते संभव है। फिर सवाल आता है, कि आखिर क्या करें ? जिस में जल्दी से सफलता हाथ लगे। तो इसका एक ही जवाब है, कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। सफलता सदैव धैर्य और परिश्रम से मिलती है। जो चीज जितनी जल्दी तैयार हो जाती है, उसका अस्तित्व भी उतने ही समय तक का होता है। आप दूध और उससे बने पदार्थो का उदाहरण अपने जीवन में देख सकते हैं। दूध तुरंत उपयोग में लाया जा सकने वाला पदार्थ है, किन्तु वह 10-12 घण्टे तक ही उपयोगी रहता है, किन्तु यदि उसका दही बना दिया जाये, तो उसकी उपयोगिता 1-2 दिन तक बनी रहती है। और अगर उसको मथकर मक्खन निकाल लिया जाए तो हफ्तों तक उसका उपयोग किया जा सकता है। फिर उसी मक्खन को गरम कर घी बनाने पर महीनों और वर्षों तक उपयोग में लाया जाता है। तो हम देखते है, की दूध कोई कष्ट नहीं उठता, जबकि दही एक रात की प्रतीक्षा के पश्चात तैयार होती है। और मक्खन को मथानी की चोट सहनी पड़ती है, जबकि घी बनने के लिए इन सबके बाद भी अग्नि में तपना पड़ता है। तब जाकर वह अपने योग्य स्वरूप को प्राप्त करता है। इसलिए किसी भी कार्य में सफलता के साथ स्थायित्व पाने के लिए लगन और धैर्य की सर्वाधिक आवश्यकता होती है।
आज के जमाने में कोई कार्य छोटा या बड़ा नही होता, कार्य की प्रसिद्धि और विस्तार कितना है। यह अधिक मायने रखता है। आप किसके साथ कार्य करते हैं। कहां कार्य करते हैं ? कितनी दक्षतापूर्वक कार्य कर रहे हैं यह महत्वपूर्ण है। आप सोचो ! पान लगाना या पान कि दुकान खोलना कितना सम्मानजनक कार्य है ? शायद आप सब का जवाब होगा, कुछ भी नहीं। आप में से कोई पान कि दुकान नहीं खोलना चाहेगा। पर याद कीजिए उस पान लगाने वाले को, जो राष्ट्रपति भवन में पान लगाते हैं । जिन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति महामहिम बराक ओबामा को पान खिलाया था, और ओबामा ने उनकी प्रशंसा की। पूरी दुनिया में उनके पान कि तारीफ हुई और वे एक दिन टीवी और अख़बार से लेकर हर आदमी के बीच चर्चा के विषय बन गये थे। वे गोंडा जनपद के थे। आजकल एक ऑफिसर जितना सम्मानित होता है, उतना ही पत्रकार भी, एक राजनेता और उद्योगपति जितने प्रसिद्ध हो सकते हैं, एक फैशन डिजायनर और शेफ भी। एक मैकेनिक और हेयर ड्रेसर की प्रसिद्धि समान हो सकती है। कोई लेखक, वक्ता, अभिनेता, खिलाड़ी, कलाकार जितनी प्रसिद्धि और सम्मान का हकदार है, उतना ही एक दूधवाला भी है, आपको पता है, अमूल दूध का व्यापार क्या है ? खैर उन्हें छोड़ो, आपको यह जानकर हैरानी होगी, की पुणे में देवेन्द्र सिंह नाम के एक ग्वाले हैं। जिनके डेयरी का दूध अमिताभ बच्चन, मुकेश अंबानी, उद्धव ठाकरे और शाहरुख खान जैसे लोग हैं। उस डेयरी का ग्राहक बनने के लिए किसी सेलेब्रिटी का रेफरेंस जरूरी है। बिना किसी कि सिफारिश के आप उनके ग्राहक नहीं बन सकते। इसलिए जिन्दगी में तमाम हुनर ऐसे हैं, जिन्हें हम यूं ही नजर अंदाज़ करते चले जाते हैं। मूर्तिकला, पेंटिंग, राइटिंग, के साथ आजकल बाल कटनेट वाला भी ब्रांडेड हो रहा है। आप सोचो बाल काटना कैसा काम है ? पर यह सोचो, कि को करोड़पति लोगों के हेयर कट करता होगा, वह कौन होगा। जावेद हबीब का नाम सुना होगा। उनके हेयर कट और शेविंग की फ्रेंचाइजी मिलती है। आपको पता होगा आजकल ऑर्गेनिक फूड की डिमांड जोरों पर है। लोग केमिकल फ्री और शुद्ध फल, सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार बैठे हैं। आप उन्हें उगा सकते हैं। व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाकर लोगों का पेट भर सकते हैं और अपनी जेब भी।
आप अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार अपने कार्य क्षेत्र का चयन कर सकते हैं। आप सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, तो भी आपको अपनी प्रतिभा और रुचि का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उसके लिए लक्ष्य बनाकर निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर होने के आवश्यकता है। खयाली पुलाव पकाने से सिर्फ हताशा ही हाथ आने वाली है। इसलिए स्वयं को पहचानो और आगे बढ़ो। जो बीत गया वह जीवन नहीं है, जीवन वह है, जो आगे आने वाला है। आप उसी में बेहतर कर सकते हैं और अपने साथ अपने माता पिता को खुशी देख सकते हैं। जरूरी यह नहीं, कि आपका पिछला जीवन कैसा था, जरूरत यह सोचने की है, कि आपका आगे का जीवन कैसा हो ? और यह सोचने का समय अभी का है। क्योंकि जिन्दगी का सीधा सूत्र है। यदि आपने अपने जीवन के 8-10 वर्ष संघर्ष और कठिनाई में बिताए तो आगे के 50-60 वर्ष आनंद में बीतेंगे, और यदि जीवन के यह दिन आनंद में बिताए, तो आगे का सारा जीवन कष्टमय बीतेगा। इसलिए फैसला आपका, जिन्दगी आपकी। सुझाव हमारा।