आज भी पेश नहीं हो सकता अविश्वास प्रस्ताव, हंगामे के चलते लोकसभा दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में मंगलवार को भी अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं हो सका। इराक में अगवा हुए 39 भारतीयों की मौत पर जब सुषमा स्वराज लोकसभा में बोल रही थीं। तभी विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे जिसकी वजह से विदेश मंत्री अपनी बात नहीं रख पाईं। उसके बाद लोकसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
केंद्र सरकार के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था। लेकिन सोमवार को लोकसभा में आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे के कारण लगातार 11वें दिन सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित किए जाने की वजह से केंद्र सरकार के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कहा था कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
लोकसभा में मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया और कई सांसद हाथों में प्लाकार्ड लिए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामे के बीच प्रश्नकाल का संचालन करना चाहा लेकिन हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। मंगलवार को बजट सत्र के दूसरे चरण का 12वां दिन है। बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत 5 मार्च को हुई थी और यह 6 अप्रैल को समाप्त होगा।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा- मैं अविश्वास प्रस्ताव पर सभी पार्टियों के नेताओं से बात करूंगा। तीन पार्टियां इस मुद्दे को भटकाना चाहती है। बीजेपी, YSRCP और जन सेना का एक मात्र उद्देश्य है टीडीपी को नुकसान पहुंचाना। उधर अविश्वास प्रस्ताव पर वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की। लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित।
एसपी के नेता अनुराग भदोरिया ने कहा- अगर बीजेपी सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर गंभीर है तो हाउस में इस पर बहस शुरू किया जा सकता था।
संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने बैठक की और तय किया कि वे राज्यसभा के चेयरपर्सन से कहेंगे कि वे हाउस को चलने देना चाहते हैं लेकिन सरकार को भी विपक्ष के साथ तालमेल बैठाना चाहिए।
वाईआरएस सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा- हमने लोकसभा स्पीकर से निवेदन किया कि हमारे अविश्वास प्रस्ताव को अनुमति दें। जब तक बजट सत्र चलेगा तब हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए दबाव बनाएंगे। सदन में 15 दिनों से हंगामा चल रहा है लेकिन वित्त विधेयक पास किया गया।
आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू किए जाने की मांग को लेकर तेलुगू देशमा पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरूआत से ही संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तेलंगाना में आरक्षण की मांग को लेकर टीआरएस सांसदों ने भी सोमवार को संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और एक देश एक कानून की मांग की। इस मुद्दे को लेकर पहले तेलुगू देशम पार्टी ने मोदी सरकार में अपने कोटे के दो मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाया और उसके कुछ दिनों के बाद वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हो गई। वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था।
तेलुगू देशम पार्टी ने सोमवार को भी संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन में तेलुगू देशम पार्टी के साथ कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रेणुका चौधरी भी मौजूद थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं टीडीपी नेता अशोक गजपति राजू ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए भावनात्मक एवं अति महत्वपूर्ण विषय है। यह तेलुगू गौरव से जुड़ा विषय है और इसमें सभी वर्ग और दल के लोग साथ आ सकते हैं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
सदन में मौजूद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है और सभी दल सहयोग दें। संसद की कार्यवाही बाधित होने और अविश्वास प्रस्ताव के बारे में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, हम नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आखिर संसद चर्चा के लिए ही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सरकार चाहती है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने सोमवार को कहा था, हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं।
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। लोग अब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रकट करने लगे हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि संसद भी अपना काम करे। लोकसभा और राज्यसभा में बैंकिंग धोखाधड़ी और आंध्र प्रदेश को विशेष आर्थिक दर्जा दिलाने की मांग जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 12 दिनों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी सत्य के साथ है और हम आंध्रप्रदेश के संबंध में किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे। वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना चाहते हैं। दोनों दलों का कहना है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आरजेडी, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, वामदल समेत अन्य पार्टियों ने साथ देने का वादा किया है। सरकार की सहयोगी शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि उनकी पार्टी इस पर न तो सरकार का और ना ही विपक्ष का साथ देगी।
लोकसभा में फिलहाल 536 सदस्य हैं। इसमें राजग के 328 सदस्य रहे हैं और इसमें से टीडीपी के 16 सांसदों के अलग होने के बाद यह संख्या 312 रह जाएगी। अगर शिवेसना के 18 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहते हैं, तब भी मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि बीजेपी के सदस्यों की संख्या 272 के जादुई आंकड़े से अधिक है। इसके साथ ही उसे एलजेपी के 6, रालोसपा के 3, अकाली दल के 4, जद यू के 2 और अपना दल के 2 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।
मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर एनडीए से अलग हुई टीडीपी के लोकसभा में 16 सांसद हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसद हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)