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न्यू ईयर का काउंट डाउन शुरू, लोग जुटे सेलिब्रेशन की तैयारी में

मध्यप्रदेश। नववर्ष 2020 के आने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हर कोई 2019 की शानदार विदाई और 2020 का गर्मजोशी से स्वागत करने की तैयारी में है। अब भला मध्यप्रदेश के लोग इसमें पीछे कैसे रहेंगे। यहां प्रकृति की सुंदरता ऐसी है कि देखते रह जाएं। डैम, जंगल, जंगली जानवर, प्रवासी पक्षी, मंदिर, नर्मदा नदी का किनारा, मंदिर-मस्जिद और तो और यहां के खुशनुमा मौसम का भी कोई सानी नहीं है।
राजधानी भोपाल से करीब 206 किलोमीटर दूर पचमढ़ी में लोग ठिठुरे जा रहे हैं और पेंच टाइगर रिजर्व में आच्छादित वनों व जंगली जानवर लुभा रहे हैं। नए साल की शुरुआत बुधवार से होगी। लिहाजा मंदिर से लेकर जंगल तक मंगल ही मंगल देखने को मिलेगा।

— खजुराहो विश्व प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर

मध्य प्रदेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध खजुराहो अपनी कामुक नक्काशी से सजे अपने आश्चर्यजनक मंदिरों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। खजुराहो मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित छोटा शहर है जो मध्ययुगीन काल में भारतीय वास्तुकला और संस्कृति का शानदार नमूना है। यहां स्थित हिंदू और जैन मंदिरों की वास्तुकला प्रेम के एक खास रूप को दर्शाती है।

— बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के सबसे खास पर्यटकों स्थलों में से एक है जो पुराने समय में रीवा के महाराजाओं के लिए शिकारगाह था। यह राष्ट्रीय उद्यान बाघ अभयारण्य के रूप पूरी दुनिया में जाना जाता है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क दुनिया में रॉयल बंगाल टाइगर्स घनत्व के लिए दुनिया भारत में प्रसिद्ध है। यह उद्यान वन्यजीव और बहुतायत में वनस्पतियों के वजह से एक बहुत ही सुंदर जंगल है। इस पार्क में स्तनधारियों की 22 से ज्यादा और अविफौना की 250 प्रजातियां पाई जाती हैं।

— उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

उज्जैन मध्य प्रदेश के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है जो भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। उज्जैन मालवा क्षेत्र में शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित एक प्राचीन शहर है जो कुंभ मेले के लिए देश के चार स्थलों में से एक है। बता दें कि उज्जैन को हिंदुओं के लिए उच्च धार्मिक स्थल मन जाता है यहाँ हर रोज़ भारी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। उज्जैन की सबसे खास बात यह है कि यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव की बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है।

— ग्वालियर किले,स्मारकों,महलों और मंदिरों का शहर

ग्वालियर मध्य प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है जिसकी स्थापना राजा सूरजसेन ने की थी। ग्वालियर में अपने किले, स्मारकों, महलों और मंदिरों के लिए जाना-जाता है। यह शहर चारों तरफ से सुंदर पहाड़ियों और हरियाली से घिरा हुआ है जो अपने गौरवशाली अतीत को बताता है। ग्वालियर का किला शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। जय विलास महल और सूर्य मंदिर ग्वालियर के कुछ ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें देखने के बाद आप इन्हें कभी नहीं भूल सकते। मशहूर शास्त्रीय संगीतकार तानसेन का मकबरा भी यहाँ का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हर साल नवंबर, दिसंबर के महीने में शहर में चार दिवसीय तानसेन संगीत उत्सव का आयोजन किया जाता है।

— झीलों का शहर भोपाल

भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी और एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। दो सुंदर मानव निर्मित झीलों के बीच स्थित भोपाल संस्कृति, विरासत और आधुनिक जीवन के सही मिश्रण के साथ एक बड़ा शहर है। यह शहर राजसी मस्जिदों के साथ अत्यधिक अलंकृत है, जो भारत में सबसे बड़ी में से एक ताज-उल-मस्जिद जैसी क्लासिक मुगल वास्तुकला का प्रदर्शन करते हैं। भोपाल में घूमने के लिए वन विहार नेशनल पार्क, लेक जैसी जगह है जो यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती है।

— मंडला कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन

मंडला जिले में स्थित कान्हा नेशनल पार्क में राजसी प्राणी बाघ के साथ-साथ कई प्रकार के जंगली जानवरों का निवास स्थान है। यह पार्क 300 से अधिक प्रजातियों के साथ विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों और कई पक्षी जीवों की मेजबानी करता है। इस पार्क की सबसे खास बात है कि यह मध्य प्रदेश में स्थितमध्य भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इस उद्यान का नाम एशिया के सर्वश्रेष्ठ पार्कों की सूचि में शामिल है। इस पार्क में बड़े स्तनधारियों की 22 प्रजातियां पाई जाती है और शाही बंगाल बाघ यहां का एक प्रमुख आकर्षण हैं।

— भेड़ाघाट संगमरमर की चट्टानों

भेड़ाघाट जबलपुर के मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर और राज्य में घूमने की सबसे खास जगहों में से एक है। भेड़ाघाट को इसकी संगमरमर की चट्टानों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह छोटा सा शहर में नर्मदा के दोनों किनारों पर 100 फुट ऊंची देदीप्यमान चट्टानों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। चांदनी रात के दौरान यहां पर बोटिंग करना अपने लिए बेहद यादगार साबित हो सकता है।

— सांची बौद्ध स्मारक

सांची मध्य प्रदेश में बौद्ध धर्म के दर्शनीय स्थलों में से एक है जो भारत में सबसे पुराने पत्थर संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। साँची में स्थित बौद्ध स्मारक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत में मौजूद विशाल धरोहर का प्रतीक है। यहां स्थित महान स्तूप को तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किया गया था। साँची में स्थित स्तूपों को भगवान बुद्ध और कई महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेषों के घरों के रूप में बनाया गया था। यह स्थान हरे भरे बागानों से घिरा हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को आनंद और शांति प्रदान करता है।

— ओरछा के मंदिर और महल

ओरछा मध्य प्रदेश में घूमने के लिए अच्छी जगहों में से एक है। बेतवा नदी के तट पर स्थित यह शहर अपने किले, मंदिरों और महलों के लिए जाना-जाता है। ओरछा में किला अपने आकर्षण के लिए देश भर में प्रसिद्ध है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के दिलों पर एक अलग ही जादू करता है। इसके अलावा चतुर्भुज मंदिर, राज मंदिर और लक्ष्मी मंदिर ओरछा के मुख्य आकर्षण हैं जो यहां आने वाले लोगों की यात्रा को यादगार बनाते हैं।

— महेश्वर मंदिर

नर्मदा नदी के तट पर स्थित महेश्वर मध्य प्रदेश के मंदिर शहर के रूप में जाना जाता है। यह शहर अपना एक अलग पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। बता दें कि रामायण और महाभारत के महाकाव्यों में भी शहर का उल्लेख हुआ है। महेश्वर पहले रानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रांत होल्कर की राजधानी थी। उन्ही ने इस शहर में कई इमारतों का निर्माण करवाया और सार्वजनिक कार्यों को पूरा करते हुए मराठा वास्तुकला के साथ शहर को सुशोभित किया। महेश्वर माहेश्वरी साड़ियों के उत्पादन के लिए काफी प्रसिद्ध है।

— पचमढ़ी हिल स्टेशन

पचमढ़ी 1,067 फीट की ऊँचाई पर स्थित मध्य प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन है जिसको सतपुड़ा पर्वतमाला की रानी के रूप में जाना जाता है। पचमढ़ी मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटक स्थल है जो चीन गुफाओं और सुंदर स्मारकों जैसे असंख्य आकर्षणों से भरा हुआ है।

— मांडू महल और स्मारक

मांडू मध्य प्रदेश का के बहुत खास पर्यटन स्थल है जो पूर्वजों ने हासिल वास्तु उत्कृष्टता का प्रतीक है। यह शहर राजकुमार बाज बहादुर और रानी रूपमती के सच्चे प्यार को बताता है। बता दें कि मांडू भारत का सबसे पुराना निर्मित स्मारक भी है जो काफी प्रसिद्ध है।

— भीमबेटका गुफाये

भीमबेटका रॉक शेल्टर एक पुरातात्विक स्थल है जो भारतीय उपमहाद्वीप पर मानव जीवन के शुरुआती निशानों को दिखाता है। इतिहास प्रेमियों के लिए भीमबेटका स्वर्ग के समान है। बता दें कि यहाँ पर 500 से अधिक रॉक शेल्टर और गुफाएं है जिनमें बड़ी संख्या में पेंटिंग हैं। इनमें बने सबसे पुराने चित्रों को 30,000 साल पुराना माना जाता है लेकिन कुछ आंकड़े इन चित्रों को मध्ययुगीन काल का बताते हैं।

— ओंकारेश्वर नर्मदा और कावेरी नदी का संगम

ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश का एक पवित्र और दर्शनीय स्थल है जो नर्मदा और कावेरी नदियों के संगम पर स्थित है। इस शहर का नाम ओमकारा’ से लिया गया है जो भगवान् शिव का एक नाम है। इस स्थान को एक पवित्र स्थल इसलिए कहा जाता है क्योंकि ओंकारेश्वर भगवान् शिव की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस शहर में दो प्राचीन मंदिर हैं जिनके नाम है ओंकारेश्वर और अमरकेश्वर।

— होशंगाबाद का सेठानी घाट

नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित होशंगाबाद जिला घूमने की एक बहुत अच्छी जगह है जिसमें कई पर्यटन स्थल शामिल है। यह शहर आकर्षण प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों के मिश्रण के साथ आपको एक अलग शांति का अनुभव कराता है। इसके अलावा भी सेठानी घाट नर्मदा नदी पर बना एक प्राचीन घाट है, जिसके पास कई मंदिर हैं।

— भोजपुर ​का अधूरा शिव मंदिर

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास भोजपुर गाँव में एक अधूरा हिंदू मंदिर है, जो भगवान् शिव को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके गर्भगृह में एक 7.5 फीट ऊंचा शिव लिंग है। बताया जाता है कि इस शिवलिंग का निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा भोज के शासनकाल के दौरान किया गया था और किसी कारणों की वजह से इस मंदिर का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया था। अगर आप इस मंदिर के दर्शन के लिए जायेंगे तो आप वहां पर निर्माण की सामग्री को भी देख सकते हैं जो पुराने समय की है।

— मढई के जंगल

मढई शहर मध्य प्रदेश में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। मढई एक बेहद शांत और प्राकृतिक जगह है जो अपने परिवार के साथ छुट्टी बिताने के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। मढ़ई प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के सामान है क्योंकि यहाँ पाए जाने वाले वनस्पति और जीवों की असंख्य विविधता मंत्रमुग्ध कर देती है। अगर आप मध्य प्रदेश में घूमने के लिए अच्छी जगह देख रहे है तो एक बार मढ़ई की यात्रा जरूर करें।

— अमरकंटक तीर्थराज

अमरकंटक मध्य प्रदेश के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है जिसकी वजह से इसे “तीर्थराज” (तीर्थों का राजा) के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि अमरकंटक 1065 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक हिल स्टेशन है, जो अपने कुछ अति सुंदर मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश की सबसे पवित्र और बड़ी नदी नर्मदा अमरकंटक से निकलती है जो इस स्थान को बेहद खास बनाती है। अमरकंटक के घने जंगलों में औषधीय गुणों से भरपूर पौधे हैं, जो इसे पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

— ऐतिहासिक शहर शिवपुरी

शिवपुरी एक का प्रसिद्ध शहर है, जिसका अपना अलग ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यह उस क्षेत्र के आसपास है, जहाँ हिंदू और मुगल शासकों ने शासन किया है। शिवपुरी समुद्र के स्तर से 478 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक बहुत ही शांत शहर है जो शांतिपूर्ण पर्यटन के लिए काफी अच्छा है। भगवान शिव के नाम पर बने इस शहर ने 1804 तक कच्छवाहा राजपूतों की शरणस्थली के रूप में कार्य किया और बाद में इस पर सिंधियों का शासन रहा। बता दें कि महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे को मौत की शिवपुरी सजा दी गई थी।

— कुनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य, ग्वालियर

कुनो-पालपुर वन्यजीव अभयारण्य विंध्यन पहाड़ियों के बीच एक छिपी हुई मणि है। इस वन्यजीव अभयारण्य को एक रहस्य की तरह अच्छे से रखा गया है जो बड़ी संख्या में वनस्पतियों और जीवों का एक सुरक्षित निवास स्थान है। शांत जंगल और नदियाँ इस पार्क को जादुई बनाती हैं। इस अभयारण्य में ज्यादा लोग नहीं जाते इसलिए यहाँ पर काफी शांति रहती है। अगर आप एक प्रकृति प्रेमी है और घूमने के लिए एक शांतिपूर्ण जगह देख रहे हैं तो आपको एक बार कुनो-पालपुर वन्यजीव अभ्यारण की सैर जरुर करना चाहिए।

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