मुजफ्फरपुर कांड: ब्रजेश की बेटी बोली, लवर्स के साथ फरार लड़कियां भी आती थीं बालिका गृह
पूरे देश को सकते में डालने वाले बिहार के मुजफ्फरपुर कांड के मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के बचाव में पहली बार उसकी बेटी आई है. ब्रजेश ठाकुर की बेटी ने बचाव में ‘आजतक’ से कहा कि मेरे पिता के खिलाफ साजिश हुई है.
लवर्स के साथ भागने वाली लड़कियां आती थीं
ब्रजेश की बेटी ने पिता को बेकसूर बताते हुए बच्चियों पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि बालिका गृह में कई बच्चियां ऐसी थीं जो अपने लवर्स के साथ भाग जाती थीं. कई ऐसी थीं जो रेड लाइट एरिया से लाई गई थीं.
CBI जांच से पिता खुश, सच्चाई सामने आएगी
आजतक से बातचीत में उसने कही कि इस केस के बारे में उल्टा-सीधा लिखा जा रहा है. इससे जांच प्रभावित हो रही है. मीडिया मेरे पिता को आरोपी घोषित कर चुकी है. सीबीआई जांच होना हम लोगों के लिए अच्छी बात है. इससे मेरे पिता भी खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
गवाहों के बयान गलत लिखे गए
इस मामले में गवाहों के बयान भी उल्टे लिखे गए हैं. फरवरी में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की जो रिपोर्ट आई है, उसे हम लोगों ने नहीं देखा. हमारे अटेंडेंट ने बताया कि बच्चों ने कहा कि मुंबई से हाई-फाई लोग आए हैं. वे बच्चों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे. हमारे बच्चे भोजपुरी जानते हैं. उन्हें क्या समझ आया होगा. लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने भी बायस्ड होकर जांच की है.
बालिका गृह में खुश थीं बच्चियां
उन्होंने कहा कि बालिका गृह में बच्चियां खुश थीं. वहां उनका यौन शोषण नहीं होता था. बच्चियां दिनभर खिड़की पर खड़ी रहती थीं. मेरे पिता को बच्चियां पहचानती थीं, क्योंकि मेरे पिता का रूम और खिड़की आमने-सामने है. बच्चियां छत पर टहलती थीं. छत कमरे से सटा हुआ है. बच्चियों ने उनका नाम क्यों लिया, इस बारे में हमें नहीं पता.
बच्चियों ने अधिकारी का भी नाम लिया
जब उनसे सवाल किया गया कि एक ऑफिसर की पत्नी ने इस बात को सामने रखा कि मंत्री मंजू वर्मा के पति वहां पर आया करते थे, इस पर ब्रजेश की बेटी ने कहा कि ऑफिसर रवि रौशन की पत्नी ने ये बातें कही हैं. आज उनके पति भी आज अंदर बैठे हैं. बच्चों ने उनके भी नाम लिए हैं. ऐसे में वे बताएं कि बच्चों ने क्यों उनका नाम लिया. रवि रौशन हफ्ते में 3-4 दिन निरीक्षण में आते थे. विपक्षी दलों के सवाल उठाने पर ब्रजेश ठाकुर की बेटी ने कहा कि विपक्ष ने मेरे बारे में भी उल्टा-सीधा बोल रहे हैं. वे सिर्फ इस पर राजनीति कर रहे हैं.
मेडिकल रिपोर्ट में 34 बच्चों से यौन शोषण के सवाल पर ब्रजेश की बेटी ने कहा कि बालिका गृह में ऐसी बच्चियां भी आती थीं, जिनका यौन शोषण हो चुका होता है. बच्चियों से जबरन ऐसा बयान दिलवाया गया है. जिस बच्ची ने आरोप लगाया है कि मेरे पिता ने उसका शोषण किया है, मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक उसका शोषण हुआ ही नहीं है.
बच्चों को शिफ्ट करने से 10 दिन पहले ही बालिका गृह में एक रेप पीडि़ता लाई गई थी. उसकी रिपोर्ट में भी यौन शोषण की बात हो सकती है.
ब्रजेश की बेटी ने दलील दी कि यहां जो बच्चियां आती थीं, उनमें कुछ का यौन शोषण पहले ही हो चुका होता था. बलात्कार के केस आते थे. ऐसे बच्चे आते थे जो लवर्स के साथ भाग जाते थे, एक हफ्ते रख कर भाग जाते थे, वे आते थे. कुछ बच्चियां तो रेड लाइट एरिया सोनागाछी से भी रेस्क्यू करके लाई गईं थीं.
बच्चियों को किन हालातों से लाया गया, ये भी देखें
ब्रजेश की बेटी ने कहा कि जो बच्चियां लाई जाती थीं, उनके बारे में पूरी डिटेल रजिस्टर में दर्ज की जाती थी. ये भी देखना चाहिए कि जहां से बच्चियों को लाया जाता था, वो कैसी जगह थी और किस स्थिति में वे यहां लाई जाती थीं. उन्होंने दलील दी कि अगर कोई शादी-शुदा महिला दो महीने से किसी के संपर्क में नहीं आई है तो उसकी मेडिकल रिपोर्ट में भी यही आएगा कि सेक्सुअल रिलेशन हो सकता है. ऐसे में इसका मतलब ये नहीं कि उनका शोषण यहीं आकर हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि पांच साल की बच्ची भी इतनी मेच्योरिटी से कैसे बयान दे सकती है. सभी बच्चियों के बयान एक जैसे ही हैं.
बाहर से नहीं होती थी किसी की एंट्री
बालिका गृह में बाहर से लोगों की एंट्री के सवाल पर ब्रजेश की बेटी ने कहा कि बाहर से किसी की भी एंट्री नहीं होती थी. हमेशा सिर्फ जांच अधिकारी ही आते थे. सीडब्ल्यूसी के वर्कर्स, महिला आयोग की सदस्य और हर 15 दिन में होने वाली न्यायिक जांच के लिए एडीजे 7 जज आते थे. सभी ने अपने नोट भी वहां लिखे हैं. पिछले पांच साल में रोजाना सुबह से शाम तक जांच के लिए लोग आते थे. उन्होंने इसमें साजिश का शक जताया है. देवेश कुमार शर्मा जिसने ये केस फाइल किया है, अब उन्होंने भी बयान दिया है कि ये स्टेटमेंट मैंने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि सभी गवाह कह रहे हैं कि हमारे बयान गलत दर्ज किए गए हैं.
मोहल्ले के बीच में है बालिका गृह, शोषण कैसे संभव
ब्रजेश की बेटी ने कहा कि बालिका गृह मोहल्ले में ऐसी जगह है जहां चारों तरफ घर हैं. 30 परिवार वहां साथ में रहते हैं. दीवारें भी सटी हुई हैं. खिड़की सारी खुली रहती है. अगर एक बच्ची भी चिल्लाती तो मोहल्ले वाले जीने नहीं देंगे. बालिका गृह बीच मोहल्ले में था, सबके सामने था. ऐसे में यौन शोषण कैसे संभव है.
सीसीटीवी में हर आने-जाने वाले की रिकॉर्डिंग दर्ज
सीसीटीवी और सुरक्षा इंतजाम के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीसीटीवी सही काम कर रहा है. सीसीटीवी मेरे पिता ने नहीं बल्कि एक स्थानीय नेता ने लगवाया था. उनके अंडर में वे सब कुछ था. हर आने-जाने वाला उसमें दिखता है. बच्चियों के बयान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मेरी बेटी भी पांच साल की है. उसे मैं एक बार जो सिखा देती हूं, वो वही बोलती है.