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MP BY ELECTION : मतदान पर कोरोना वासरस के भारी पडने के असार, किस के बिगडेंगे समीकरण

 

 

मध्यप्रदेश। प्रदेश में उप चुनाव हो रहे हैं, क्यों हो रहे हैं, इसकी पूरी कहानी आम जनों को इस बार बखूबी पता है। 28 विधान सभा क्षेत्रों में मतदान होना है। इसके लिए मतदाताओं के बीच भाजपा और कांग्रेस के नेता उनके बीच पहुंच रहे हैं। जनता की नाराजगी भी नेताओं को झेलना पड़ रही है। इसके साथ ही कोरोना के कारण यदि मतदान प्रतिशत कम हुआ तो जीत हार का गणित और गड़बड़ाएगा।
गौर तलब बात यह है कि मध्य प्रदेश में फरवरी से लेकर मार्च महीने में प्रदेश में सत्ता का खेल जिस तरह से शुरू हुआ उसका परिणाम है कि इस समय कोरोना काल में जहां सरकार आम जनता के साथ कंधे से कंधे से मिलाकर खड़ी होना था, पर जनता को अपनी समस्याओं के साथ, सरकार भी चुनना पड़ रही है। इसलिए जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, वहां नेताओं को विराेध का सामना करना पड़ रहा है।-

-358 ने आजमाया था भाग्य

उल्लेखनीय बात है कि मध्य प्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उन सभी सीटों पर पिछले आम विधान सभा चुनाव में 358 उम्मीवारों ने अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन उप चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या में कमी रह सकती है। इस कारण से ग्वालियर चंबल अंचल के अलावा अन्य सीटों पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है, लेकिन बसपा इसे त्रिकोणीय बना सकती है।

-कोरोना की छाया ने डाला संकट में

मध्य प्रदेश में उपचुनावों में भाजपा कांग्रेस एवं बसपा के अलावा निर्दलीय एवं क्षेत्रीय दलों के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों ने ज्यादा नामांकन पत्र दाखिल नहीं किये गए हैं, 28सीटों पर अभी तक कुल 66 नामांकन पत्र ही दाखिल हुए हैं। यदि वोट काटने वाले उम्मीदवारों की संख्या कम रहती है और कोरोना काल के कारण से मतदान का प्रतिशत प्रभावित होता है तो मध्यप्रदेश के उप चुनावों में चुनाव परिणाम भी प्रभावित होंगे।

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