MP BY ELECTION 2020 : साढ़े चार लाख वोट के अंतर को पाटना भी चुनौती
मध्यप्रदेश। कांग्रेस सरकार गिरने और बीजेपी सरकार के गठन के बाद अब उपचुनावों की तैयारी है। उपचुनाव में दोनों प्रमुख दलों के अलावा अन्य सियासी दल भी अपनी पूरी ताकत के साथ उतरेंगे। लेकिन वर्तमान में बदलते समीकरणों के साथ जीत के अंतर की खाई पाटना भी चुनौती ही होगी।
विधान सभा के बीते चुनाव परिणामों पर नजर डाली जाए और जिन 27 सीटों पर उपचुनाव होना है, इन सभी सीटों पर प्रतिद्वन्दी और विजेता प्रत्याशी की जीत का अंतर भी मायने रखता है। कुछ सीटे कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीती थी। कुल मिलाकर सभी सीटों पर पिछले विधान सभा चुनाव परिणामों में करीब 4 लाख 35 हजार रहा था। इसमें कांग्रेस ने 5 सीटे तो बड़े अंतर से जीती थी, इनमें जीत का अंतर 15 से लेकर 30 हजार मतों का रहा था।
— यहां के मतदाता करेंगे फैसला
मध्य प्रदेश में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें विधान सभा भांडेर, सांची, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, बमोरी, सुरखी, सांवेर, सुमावली, मुरैना, अंबाह, दिमनी, मेंहगांव, गोहद, करैरा,पोहरी, अशोक नगर, मुंगावली, अनूपपुर, हाटपीपलिया, सुवासरा, मलेहरा, नेपानगर शामिल हैं, उपचुनावों में यहां के मतदाता फैसला करेंगे प्रदेश में सत्ता किसकी होगी।
— क्या मतदाता भी बदलेंगे पाला
उपचुनाव को लेकर सियासी दल चुनावी मूड में आ गए हैं। कांग्रेस 15 और बहुजन समाज पार्टी 8 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है। भाजपा के लिए चुनौती यह भी होगी, कि कांग्रेस से जो विधायक भाजपा में आये हैं, कार्यकर्ता कितने आये हैं, क्या कांग्रेस का वोटर भी अपने पूर्व नेता के लिए पाला बदलेगा। यह तो चुनाव के परिणाम ही तय करेंगे। पर भाजपा को जहां जीत के अंतर की खाई को पाटने की चुनौती है, तो कांग्रेस के लिए अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को पाला नहीं बदलने देने की चुनौती है।