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MP के 16 जिलों में बिजली के लिए गाइडलाइन:अघोषित अवैध कॉलोनी में कनेक्शन मिलेंगे; चुकाने होंगे 34 से 88 हजार रुपए तक

मध्यप्रदेश के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर समेत 16 जिलों की अघोषित अवैध कॉलोनी में भी अब बिजली कनेक्शन मिल सकेंगे। इसके लिए 34 से 88 हजार रुपए तक चुकाने होंगे। बिजली कनेक्शन के लिए गाइडलाइन तय की गई है।

इन्हें राहत
अघोषित अवैध कॉलोनियों में रहने वाले ऐसे लोग, जिनके पास स्वयं का स्थाई बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं है, उनके लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने स्थाई विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने की पहल की है। कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों के अंतर्गत आने वाली समस्त अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को भूखंड के क्षेत्रफल के आधार पर विद्युत अधोसंरचना शुल्क, कनेक्शन शुल्क एवं सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेज राशि की गणना कर राशि निर्धारित कर दी गई है।

इतनी राशि तय की

500 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के गरीबी रेखा से नीचे के रहवासियों को 34 हजार 256 रुपए एकमुश्त जमा करने के बाद स्थाई विद्युत कनेक्शन मिलेगा।
500 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के गरीबी रेखा से ऊपर के रहवासियों को 34 हजार 322 रुपए देने होंगे।
501 से 1000 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के लिए 51 हजार 223 रुपए लगेंगे।
1001 से 1500 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के लिए 71 हजार 188 रुपए की राशि तय की गई है।
1501 से 2000 वर्गफुट क्षेत्रफल तक के परिसर में स्थाई विद्युत कनेक्शन के लिए 88 हजार 875 रुपए देने होंगे।
सामूहिक आवेदन करते हैं तो यह होगा
कॉलोनी के सामूहिक आवेदन की स्थिति में संपूर्ण जमा योजना अथवा सुपरविजन चार्ज योजना के अंतर्गत भी आवश्यक विद्युत अधोसंरचना विस्तार के पश्चात् स्थाई विद्युत कनेक्शन जारी करने का प्रावधान है।

इन जिलों को राहत
भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा, ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और दतिया, चंबल संभाग के शिवपुरी, मुरैना और भिंड, नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल जिले में यह राहत दी गई है।

बिजली चोरी करने पर होगी कार्रवाई
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित शुल्क जमा करके कनेक्शन ले लें। वरना जांच में चोरी करते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिजली चोरी के मामलों में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के तहत बनने वाले मुकद्मों के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। दोषी उपभोक्ताओं को बिजली चोरी के प्रकरणों में आरोप सिद्ध पाए जाने पर जुर्माना या जेल की सजा भी हो सकती है।

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