‘बेट कांड’ वाले विधायक पर मोदी की नाराजी यानी ‘दाग अच्छे नहीं’
( कीर्ति राणा )
प्रधानमंत्री मोदी के तल्ख बयान का सीधा सा अर्थ तो यही है कि भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को निगम अधिकारी की बेट से पिटाई भारी पड़ सकती है। जिस अंदाज में मोदी ने पार्टी से निकालने की बात कही है उससे न सिर्फ आकाश बल्कि पिता-भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के लिए भी तनाव का अकल्पनीय वक्त आ गया है। बहुत संभव है कि दो-चार महीनों में यह वक्त भी गुजर जाए लेकिन अभी जो भद पिटी है उसे ‘दाग अच्छे हैं’ तो नहीं कहा जा सकता।
एक दिन पहले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया था कि विधायक-बेटे आकाश विजयवर्गीय के बेट कांड को लेकर भाजपा नेतृत्व में कोई गंभीर चर्चा नहीं हुई है। उनके इस बयान के बाद शहर के भाजपा नेता भी मान रहे थे कि मामला ठंडा हो गया है।सोमवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में जिस तल्खी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी का नाम लिए बगैर नाराजी जाहिर की उसके बाद से दिल्ली से भोपाल, इंदौर तक पार्टी में खलबली मची हुई है।
विजयवर्गीय ने कहा था कि पं बंगाल को लेकर हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इतना ही पूछा था कि आकाश की जमानत हो गई? अब जिस तरह मोदी ने अपनी नाराजी जाहिर की है उसका सीधा संबंध बेट कांड से माना जा रहा है।इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर भाजपा की किरकिरी हुई है इससे पहले केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल के बेटे और उससे पहले भाजपा विधायक कमल पटेल के पुत्र का विवाद भी सामने आ चुका है। सतना में भी इंदौर जैसा पिटाई कांड हो चुका है।मप्र में एक के बाद एक हो रही ऐसी घटनाओं के बाद भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहकर चौंका दिया कि किसी का भी बेटा हो उसे पार्टी से निकाल देना चाहिए।ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।जिन्होंने स्वागत/समर्थन किया है उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए।प्रधानमंत्री के इस कथन पर नगर भाजपा अध्यक्ष गोपी नेमा का कहना था पार्टी जो भी निर्णय लेगी, संगठन उस पर कार्रवाई करेगा।
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह इंदौर आने से शिवराज प्रतिक्रिया देने से भी बचते रहे
इंदौर के इस घटनाक्रम का ही असर है कि स्थानीय से लेकर प्रदेश और देश के भाजपा नेता बयान देने से बच रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह का हाल ही में वॉयरल हुए वीडियो में वे इस संबंध में जितनी बार भी प्रश्न पूछा गया वे हाथ जोड़ कर बार बार ‘धन्यवाद’ ही कहते नजर आए हैं। इंदौर में होने वाली भाजपा सदस्यता अभियान की बैठक एक बार तो टल गई। दूसरी बार मंगलवार को शुभकारज गार्डन में आयोजित बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह को आना था, वे नहीं आए। यदि आते तो मीडिया उनसे बेट कांड में सवाल जवाब करता ही, इस झंझट से बचने के लिए वे नहीं आए, उनकी जगह प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा भोपाल की उपस्थिति में बैठक संपन्न हुई।
प्रधानमंत्री मोदी के सख्त तेवर के बाद अब स्थानीय से लेकर देश के आम भाजपा कार्यकर्ताओं की नजर प्रदेश भाजपा की अनुशासन समिति के एक्शन पर लगी हुई है।अनुशासन समिति अध्यक्ष एडवोकेट बाबू सिंह रघुवंशी का कहना है दिल्ली से या प्रदेश कार्यालय से कवरिंग लैटर के साथ कार्रवाई के लिए प्रकरण आते हैं। इस पूरे मामले में ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, तब तक मेरा कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।चूंकि मोदी ने सख्ती दिखाई है और पार्टी से निकालने जैसे निर्देश तक दिए हैं तो प्रदेश भाजपा इस पूरे मामले में बयान देने से बचती रही हो लेकिन उसे कार्रवाई करके मोदी का यह विश्वास जितना ही होगा कि संगठन पर लगे दाग धब्बे मिटाने में देर से ही सही लेकिन उसने मन से प्रयास तो किए हैं।