मोदी ने की तमिल संत-कवि तिरुवल्लुवर की प्रशंसा
तिरुवेदांती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिल संत-कवि तिरुवल्लुवर को महान विभूति बताते हुए उनकी प्रशंसा की और उनके कुछ दोहों को उद्धृत किया जिनमें कहा गया है कि जितना ज्यादा अभ्यास होगा, उतना अधिक ज्ञान प्राप्त होगा।
प्रधानमंत्री ने यहां डिफेंस एक्स्पो में अपने संबोधन के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट के बीच तमिल भाषा में तिरुवल्लुवर के दोहे उद्धृत किए और उन्हें प्रसिद्ध कवि-दार्शनिक बताया। उन्होंने दोहों का सार बताते हुए कहा, ‘जमीन और रेत में आप जितनी गहराई में उतरेंगे उतना ही स्वच्छ जल मिलेगा। आप जितना अधिक अभ्यास करेंगे उतना ही ज्यादा ज्ञान मिलेगा
तमिल भाषा में ‘कालई वणक्कम’ यानी सुप्रभात के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि यह पहली बार है जब वह किसी डिफेंस एक्स्पो में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं महान राज्य तमिलनाडु में यहां ऐसी सभा को देखकर खुश और अभिभूत हूं।’ मोदी ने कहा कि जिस स्थान (कांचीपुरम जिले में तिरुवेदांती) पर डिफेंस एक्स्पो आयोजित किया जा रहा है वह ऐतिहासिक है।
उन्होंने चोल वंश के शासन का जिक्र करते हुए ‘गौरवशाली समुद्री विरासत’ की भूमि के तौर पर तमिलनाडु की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘यह ऐसी भूमि है जहां भारत ने 1000 साल पहले पूर्व की ओर देखा और व्यापार किया था।’