हरसिमरत कौर बादल बोलीं- पाकिस्तान की न हिम्मत है, न ही जुर्रत जो हमें फंसाए
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की न तो इतनी हिम्मत है और न ही जुर्रत, जो हमें गुगली में फंसाए. 70 साल से जो नहीं हुआ वह गुरु नानक साहब की बख्शीश से हुआ है. बता दें, शुक्रवार को महमूद कुरैशी ने कहा था कि करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में भारत सरकार को आमंत्रित करना इमरान खान की ‘गुगली’ ही थी, जिसमें मोदी सरकार बोल्ड हो गई.
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि गुरु नानक साहब ने प्यार, अमन, शांति का पैगाम दिया था. इसी पैगाम को लेकर हम करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में गए थे. अगर अब गुरु नानक का नाम लेकर पाकिस्तान सिखों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करता है तो मेरी सलाह है कि खुदा से डरिए. अमन शांति का पैगाम देने वाला यह कॉरिडोर गुरु नानक साहब का चमत्कार है. इसको हकीकत बनाइए और धीरे-धीरे हालात सुधारने के लिए माहौल बनाइए.
पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि मेरी सलाह है कि स्वर्ण अक्षरों में किसका नाम लिखा जाएगा यह तो समय ही बताएगा. भगवान के नाम पर सियासत करेंगे तो आपको उसका सबक मिलेगा. गुरु नानक साहब ने अपनी 550वीं सालगिरह पर जो चमत्कार किया है, उसे साकार बनाकर अमन-शांति का पैगाम दें.
वहीं, पाकिस्तान से चुनाव लड़ने के इमरान खान के निमंत्रण पर हरसिमरत कौर का कहना है कि यह निमंत्रण कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक गया होगा, अब राहुल उनको वहां भेज सकते हैं और पाकिस्तान में एक नई पार्टी बना सकते हैं. मैं पाकिस्तान धार्मिक भावना के साथ गई थी. मुझे गुरु नानक साहब ने बुलाया था और वहां नतमस्तक होने का मौका मिला. मैं वहां से सीख कर आई हूं कि न कोई बैरी, न कोई बेगाना, हम एक परमात्मा के बच्चे हैं.
खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के साथ सिद्धू की फोटो पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि उस समारोह में पाकिस्तान सरकार की ओर से ऐसे लोग बुलाए गए थे, जो भारत के समर्थक नहीं बल्कि हिंदुस्तान के टुकड़े-टुकड़े करके आतंकवाद फैलाना चाहते हैं. उनको मैंने वहां देखा. वह लोग पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के वीआईपी गेस्ट थे. उन लोगों को काफी महत्व दिया गया. तीन दिन तक कांग्रेस नेता भी प्रधानमंत्री के साथ रहे. अब उनके बीच क्या-क्या बातचीत हुई यह नहीं पता, लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि आप अपनी औकात में रहें. धार्मिक काम है तो धर्म को आगे रखकर काम कीजिए. सियासत बीच में डालेंगे तो भगवान के साथ भारत भी आपको जवाब देने के लायक है.