लड़की बेचने के लिए SHO को ही मिला दिया फोन, फिर जो हुआ वह पूरी तरह फिल्मी था
मानव तस्करी रोकने और जबरन वेश्यावृत्ति में लाई गई लड़कियों की मदद करने के लिए कमला मार्केट के एसएचओ ने अपना नंबर जीबी रोड के आसपास चिपकवा दिया। कुछ दिनों बाद एसएचओ सुनील कुमार के पास एक नंबर से फोन आया, जिसने उन्हें एक नाबालिग बच्ची बेचने की पेशकश की। पुलिस के मुताबिक आरोपी अमर ने एक यू-ट्यूब वीडियो देखा, जिसमें उसने वेश्यालय की दीवारों पर एसएचओ का नंबर देखा। अमर को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि यह एक पुलिसवाले का नंबर है। वह इस भ्रम में था कि यह किसी दमदार ग्राहक है। एसएचओ ने दो कॉन्सटेबलों की मदद से अमर और उसके एक साथी रंजीत शाह का पता लगा लिया। खुद को कोठे का मालिक बताकर एसएचओ 21 नवंबर को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आरोपी और बच्ची से मिले। उन्होंने आरोपी से बातचीत करने के लिए भाषा भी सीखी, ताकि उसके साथ मोल-तोल का नाटक किया जा सके। बाद में लड़की को छुड़ा लिया गया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक डीसीपी (मध्य) एमएस रंधावा ने कहा कि पुलिस टीम ने लड़की की लोकेशन का पता लगाने के लिए प्रलोभन वाले ग्राहकों को भेजा और आखिरकार उसे 2.3 लाख रुपये में खरीदने के लिए राजी हो गए, जिनमें से 20,000 रुपये अडवांस में दिए गए थे। पूछताछ के दौरान अमर ने बताया कि वह शादी का झांसा देकर लड़की को उसके गांव से लेकर आया था। वह लड़की को कोठे पर बेचना चाहता था, जिसके लिए वह ग्राहक ढूंढ रहा था।
इंडियन एक्सप्रेस को एसएचओ कुमार ने बताया कि उसकी भाषा में बात करना मुश्किल था, लेकिन हमारा मकसद लड़की को छुड़ाना था। मैंने ट्रूकॉलर को अनइन्स्टॉल कर दिया और डिस्प्ले पिक्चर भी हटा दी। एप्लिकेशन से भी मुझे अपनी जानकारियां हटानी पड़ीं। इसके बाद कुछ दिन हमने मोल-भाव किया और आरोपी का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।