पिता की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई थीं शाहरुख की बहन, लाइम लाइट से रहती हैं दूर
शाहरुख खान की फैमिली के बारे में तो सभी लोग जानते हैं। उनकी वाइफ गौरी, बच्चे आर्यन, सुहाना और अबराम तो हमेशा लाइम लाइट में रहते हैं। लेकिन इनके अलावा भी शाहरुख की फैमिली में एक ऐसा शख्स है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की बहन शहनाज लाला रूख खान की। जो शाहरुख के साथ ही मुबंई में रहती हैं। लेकिन उन्हें कम ही मौकों पर देखा जाता है। जिसकी वजह है एक हादसा जो खान फैमिली में कई साल पहले हुआ था।
पिता की मौत का सदमा नहीं कर पाई थीं बर्दाश्त…
शाहरुख के पिता की मौत 1981 में कैंसर की वजह से हुई थी। कहा जाता है कि इस बात की खबर शहनाज को नहीं थी। जब वो घर लौटीं तो पिता की डेड बॉडी देखकर बेहोश हो गई थीं। इस घटना के बाद उन्हें इतना गहरा सदमा लगा कि वो डिप्रेशन में चली गईं। बाद में वो अक्सर बीमार रहने लगी थीं।
2 साल तक सदमे में रहीं शहनाज…
एक इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया था, “शहनाज को पापा की मौत का इतना गहरा सदमा लगा कि वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठीं और 2 साल तक इससे उबर नहीं पाईं। वो रोती या चिल्लाती नहीं थीं, लेकिन उनके चेहरे पर पापा के खोने का गम साफ झलकता था। डीडीएलजे (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे) की शूटिंग के दौरान उनकी तबीयत फिर बिगड़ी, जिसके बाद हम उन्हें इलाज के लिए स्विट्जरलैंड ले गए। इलाज के बाद उनकी हालत पहले से बेहतर हुई लेकिन वो अब भी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाई हैं।”
इसलिए पड़ा ‘लाला रुख’ नाम…
शहनाज उम्र में शाहरुख से 6 साल बड़ी हैं। वो शाहरुख की तुलना में अपने पिता मीर ताज मोहम्मद के काफी क्लोज रहीं। शहनाज के पिता ने ही उनका मिडल नेम ‘लाला रुख’ रखा
था, जिसका मतलब है फूल जैसी कोमल और खूबसूरत। दरअसल, शाहरुख के पिता के दोस्त कन्हैयालाल की बेटी के जन्म के वक्त उन्होंने यह नाम उसके लिए सुझाया था। लेकिन
कन्हैयालाल को लगा कि ‘लाला रुख’ नाम थोड़ा देहाती है। इसके बाद कुछ सालों बाद जब मीर ताज मोहम्मद के घर बेटी हुई तो उन्होंने उसका नाम ‘लाला रुख’ ही रखा।