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26 मई बुद्धपूर्णिमा को सुपरमून की खगोलीय घटना होगी ,पढें क्या होगा असर

—छोटा ग्रहण-अधिक चमक का पाजिटिव संदेश देगा

बुधवार 26 मई 2021 को बुद्ध पूर्णिमा का चंद्रमा मध्यप्रदेश में उदय होते समय तो होगा उपछायाग्रहण में लेकिन जब क्षितिज से उपर आयेगा तो बन चुका होगा सुपरमून। नेषनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुये बताया कि साल के दूसरे सुपरमून में इसकी पृथ्वी से नजदीकियां बढ़कर आपसी दूरी 357,462 किमी रह जायेगी। नजदीक आने से पूनम का यह चांद 14 प्रतिषत बड़ा और 30 प्रतिषत अधिक चमकीला दिखेगा। पिछले 26 अप्रैल को हुये सुपरमून की तुलना में इस बार चंद्रमा 157 किमी नजदीक होगा। पष्चिमी देषों में वहां खिलने वाले फूलों के कारण इसे लावर मून नाम दिया गया है।
सारिका ने मैप की मदद से बताया कि पूर्वी भारत में उदित होते चंद्रमा में आंशिक ग्रहण रहेगा। प्रदेश के सभी जिलों में चंद्रोदय के समय यह उपछाया ग्रहण रहेगा। उपछाया ग्रहण में चंद्रमा की चमक में इतना कम अंतर आता है कि इसे खाली आंखों से पहचानना कठिन होता है। 7 बजकर 19 मिनिट के बाद उपछाया ग्रहण समाप्त होते ही यह अपनी 30 प्रतिषत अधिक चमक के साथ बन चुका होगा सुपरमून।
सारिका ने कहा कि पूर्व दिषा में उदित होने वाले इस लावर सुपरमून को अपने घर-आंगन से देखने एवं फोटोग्राफी के लिय हो जाईये तैयार।

विनम्र अनुरोध- उपछाया ग्रहण की खगोलीय घटना होगी। इसे इस प्रकार न लिखा जाये कि उपछायाग्रहण दिखेगा। क्योकि ग्रहण घटित होना और दिखना दो अलग-अलग तथ्य हैं। उपछाया ग्रहण में चमक में बहुत कम अंतर आता है इसलिये इसे खाली आंखों से देखने पर अंतर स्पष्ट नहंी होता है। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में उपछाया ग्रहण की खगोलीय घटना होगी।

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