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लॉकडाउन अनलॉक बनाम कोरोना के लिए अनलॉक..!

 

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]श्रवण मावई[/mkd_highlight]

 

 

 

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का पांचवां चरण 1 से 30 जून तक घोषित किया है लेकिन जिस तरह से पांचवे लॉकडाउन की गाइडलाइन जारी की गई उससे इसे अनलॉक का पहला चरण बताया जा रहा है। नई गाइडलाइन के अनुसार एक जून से देश में बहुत कुछ ओपन हो जाएगा। सरकार के छुपे हुए अनलॉक के पहले चरण से जनता के बीच गफलत बढना तय है,जनता समझ रही है कि कोरोना का संक्रमण अब समाप्त होने वाला है और वह अब बेखोफ पहले की तरह ही बाजार, सडक और सर्वजानिक जगहों पर विचरण करेंगे,लेकिन यह उनकी गलतफहमी है क्योंकि अनलॉक कोरोना से मुक्ति का नहीं है बल्कि कोरोना का शिकार होने का सबित हो सकता है..! शिकार करने का पहला और जरूरी नियम है कि जब शिकार लापरवाह हो तब हमला करो.। कोरोना संक्रमण के मामले में यही नियम लागू है।

25 मार्च 2020 से कोरोना संक्रमण पर नियत्रंण के लिए केंद्र सरकार में देश में लॉकडाउन लागू करने की घोषण की। देश में 21 दिन तक के लिए सब कुछ बंद कर दिया गया। इस दौरान पुलिस को काफी मश्क्कत करना पडी। कई इलाकों में लोग पहले लॉकडाउन के दौरान भी इधर से उधर होते रहे। दूसरे चरण के लॉकडाउन में कोरोना का संक्रमण बढा लोगो में समझ भी बढी कि घर में रहने में ही भलाई है।,लेकिन धन्ना सेठों को भूखों मरने की चिंता सताने लगी उन्होंने बाजार खोलने का दवाब बनाना शुरू कर दिया। सरकार ने भी ग्रीन,रेड, ओरेंज झोन के आड में बाजार खोलने शुरू कर दिए। इधर,तेजी से संक्रमण बढता रहा है लेकिन यह दिखाया गया कि बाजार खुल रहे है, सरकारी कार्यालय खोले जा रहे है तो सब कुछ ठीक हो रहा होगा। कई राज्यों के अधिकांश शहरों में संक्रामण पहुंच गया। कुछ गांव तक भी…। लेकिन सरकार ने अपने उपर के दबाव को कम करने के लिए एक के बाद एक बाजार, मंडियां , परिवहन खोलने का निर्णय लिए। देश की जनता का अधिकांश तबका यह समझा रहा कि कोरोना तो अब सताप्ती की ओर है,इसलिए घर से सडक पर निकलने लगे है। लॉकडाउन का तीसरा और चौथा चरण लॉकडाउन न होकर अवैध तौर अनलॉक ही था। लोग एक शहर से दूसरे शहर में बेखोफ सफर करते रहे। यहां तक कि रेड झोन वाले ग्रीन झोन में और ग्रीन वाले रेड झोन में..। आवाजाही पर कोई रोक टोक नहीं दिखाई दी,जिससे ग्रीन झोन के जिलों में भी कोरोना संक्रमण फैला और फैल रहा है। कई राज्यो के हाल बेहद खाराब है, अभी भले ही लॉकडाउन से अनलॉक शब्द अच्छा लग रहा हो लेकिन हकीगत इससे ​अलग है। जैसे जैसे अनलॉक लोगों के जहन से कोरोना खतरे के डर को कम करेगा वैसे वैसे कोरोना के शिकार करने की संख्या में इजाफा होता रहेगा। केंद्र और कई राज्य सरकारों की समझ को जनता को ठीक से समझना होगा। कुल मिलाकर यह अनलॉक या कोरोना के लिए अनलॉक है।

–इन अकंडों भी को समझ ​लीजिए…

भारत में पहले चरण के लॉकडाउन के समय 500 कारोना मरीज थे। पांचवें चरण के लॉकडाउन में 31 मई को कुल मरीजों की संख्या 1,82,143 दर्ज हुई है। जबकि 5,164 लोगों की मौत हो गई है। बीतें 24 घंटे में सबसे अधिक 8000 नए केस दर्ज हुए है। दुनिया भर में कुल मरीजों की संख्या 60,60207 है जबकि अब तक 3,69125 मरीजों की मौत हो गई है। इन अकंडों के देखते हुए क्या लॉकडाउन में इस तरह छूट दी जा सकती है। सरकार को सब समझ आ रहा है अब सिर्फ जनता को सरकार की मंशा और कोरोना संक्रमण के फैलाव को समझना होगा। वक्त अभी भी समझदार से अपने घर में रहने का है।

–लॉकडाउन का पांचवां चरण…

1 जून से लॉकडाउन का पांचवा चरण सिर्फ औपचारिक रह जाएगा। सुबह पांच से रात 9 बजे तक आप घर से निकलकर सर्वजानिक जगहो पर जा सकते है। एक राज्य से दूसरे राज्य और जिलों में बिना पास के आवाजाही की जा सकती है। सभी धर्मिक स्थल खोले जाएंगे। 8 जून से होटल, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल खोले जाएंगे। स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग संस्थान और कोचिंग संस्थान जून में बंद ही रहेंगे।

इंटरनेशनल फ्लाइट्स, मेट्रो सर्विस, सिनमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम और असेंबली हॉल बंद रहेंगे। धार्मिक समारोह, राजनीतिक रैलियों, खेल के कार्यक्रम और सांस्कृतिक समारोह पर पाबंदी रहेगी। इसके अलावा कंटेनमेंट झोन में किसी भी तरह की छूट नहीं होगी। इन इलाकों में सिर्फ जरूर वस्तुओं की अर्पिति की जाएगी। कंटेनमेंट झोन बनाने का निर्णय जिला प्रशासन लेगा।

–आपको क्या करना होगा…

देशभक्ति की बातें फेसबुक और व्ट्सअप पर बहुत की जाती रही और की जा रही है। वक्त जमीन पर कुछ काम करने का..। अपना घर, मोहल्ला, कालोनी, शहर और गांव बचाने की जिम्मेदारी अब आपकी है। बिना जरूरी काम घर से बाहर न निकलें। मास्क साफ गमझा सर और मुंह पर लपेटने के बाद ही घर से बाहर आएं। हर हाल में एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बना कर रखे। कारण कुछ भी हो भीड न लगाए और न ही भीड वाले इलाकों में जाए। घर पर है तो दिन में 6 से 7 बार साबून से हाथों को अच्छी तरह से रगड कर धोएं। घर के बूजुर्ग और बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें। नए लोगों के संपर्क में आने से बचें । जरूरी न हो तो बाजारों में नहीं जाए। घर से बार है तो सैनेटाईजार का उपयोग करें। हाथों को संभाल कर रखें वस्तुओं को न छुएं। बाहर से आने पर घर के बाहर ही जुते चप्पल उतार दे,वही कपडो को सर्फ में गलाकर धांए और धूप में सुकाने दे। खुद भी साबून,शैप्पू से अच्छी तरह से नहाए। उसके बाद ही घर के भीतर प्रवेश करें।

–दुकानदार क्या करें…

इस समय सबसे अहम भूमिका दुकानदारों की है। उन्हें ग्राहकों और आपने आप को संक्रमण से बचते हुए व्यापार करना है। सभी दुकानदारों को सैनेटाइजर या दुकान के बाहर तरल साबून,पानी से ​हाथ धोने का इंतजाम करना चाहिए। साथ बिना मास्क लगाए आने वाले ग्राहक को समान देने से इंकार करना होगा। दुकान खोलने के समय को भी ग्राहकी के हिसाब निर्धारित करना होगा। दुकान के भीतर कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी नियमों का पालन करने की सख्ती रखें। घर के बाहर ही अच्छे से नाहने की व्यवस्था करे।

–जनपतिनिधि भी निभाएं अपनी जिम्मेदारी…

सांसद, विधायक, नगरनिगम महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष,पार्षद, सरपंच अपनी जिम्मेदारी को इमानदारी से निभाएं तो काफी हद तक कोरोना संक्रमण का फैलाने से रोका जा सकता है। शहरों और गांवों को नियमित सैनेटाइज करने का कार्य किया जाए। जिसमें सभी इलाके शामिल हो। गांवों और शहरों को जोडने वाली सडकों का संपर्क को सख्ती से कम किया जाए। गांवों में आवाजाही को बंद कर दिया जाए। संरपच यहां गोव के लोगों के साथ मिलकर बहुत अच्छे से गांवों की सुरक्षा का कार्य कर सकते है। घर घर कोरोना संक्रमण के बचाव के तारीकों का प्रचार किया जाए। उनका अमल में लाने के लिए ग्रामीणों को समझाया जाएं। शहरों में वार्ड वार समिति बना कर जागरूकता पर काम किया जाना चाहिए। अगर शहर और गांव तक अनुशासन में रहना सिखा दिया तो कोरोना संक्रमण से बहुत हद तक निजात मिल जाएगी।

–समाजसवी संस्थाएं….

लॉकडाउन के दौरान समाजसवी और समाजसवी संस्थाओं ने बहुत अच्छा कार्य किया है। अब उनकों अपनी भूमिका सिर्फ भोजन बांटने तक समिति नहीं रखना चाहिए। उन्हें लोगों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर भी काम करना चाहिए। समाजसवी संस्थाओं की पकड समाज के नीचले वर्ग तक होती है अगर ठीक से इनका उपयोग किया जाए तो कोरोना संक्रमण से कई इलाकों को बचाया जा सकता है।

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