लालकृष्ण आडवाणी ने लिखा राजनीतिक तौर पर सहमत नहीं होने वालों को देश विरोधी नहीं ठहराया…बीजेपी की नीति राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं मानने की रही
— आडवाणी ने मौजूदा बीजेपी के काम करने के तारीकों पर उठाए सवाल
— लेख के पोस्ट करने बाद ब्लॉक ओपन होना बंद हुआ
इनसाइड स्टोरी डेस्क। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और दो सीट से 182 सीट तक पहुंचने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखकर भारतीय जनता पार्टी के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए है। उनके लेख के बाद ब्लॉक ही ओपन नहीं हो रहा है अब सवाल और उठ रहे है कि यह किसने करवाया और क्यों? लालकृष्ण आडवाणी द्वारा अपने ब्लॉग पर लिखे गए लेख के जबाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी मूल भावना को व्यक्त किया है। बीजेपी कार्यकर्ता होने का गर्व है।
लालकृष्णा आडवाणी ने अपने ब्लॉग(blog.lkadvani.in) पर बीजेपी को लेकर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी की नीति हमेश से रही है कि कोई हम से राजनीतिक तौर पर सहमत नहीं है तो उसे देश विरोधी नहीं कहा। बीजेपी ने कभी भी राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन नहीं माना है। बीजेपी की नीति के अनुसार किसी भी नागरिक को अपनी बात कहने और सहमित या असहमति जाहिर करने अधिकार है, बीजेपी इसकी पक्षधर है।
उन्होंने लिखा कि 6 मार्च को बीजेपी का स्थापना दिवस है, यह अवसर पार्टी को स्थपति करने वालों को देखना है, उनके लिए यह अवसर अपने कार्यकताओं के साथ अपने सफर को सझा करने का है,आडवाणी ने कहा कि वो गांधीनगर की जनता के अभारी है कि उन्होंने 6 बार 1991 से उन्हें सांसद बनाया। वे लिखते है कि उन्होंने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में काम करना शुरू कर दिया था, उसके बाद भारतीय जन संघ और भारतीय जनता पार्टी के स्थापक सदस्य रहे। उनको पार्टी के पं दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के साथ करने का मौका मिला।
वे लिखते है कि उनकी जिदंगी के सिंद्वात रहे कि पहले देश,फिर पार्टी और सबसे बाद में वो खुद। उन्होंने हर समय कोशश की ये सिंद्वात बने रहे और इन्हें के साथ काम करते रहे। उन्होंने लिखा कि बीजेपी ने स्वंत्रता की हमेशा रक्षा की है। सरकार में रहते हुए भी संविधानिक संस्थानों की आजादी का ध्यान रखा, जिसकी पार्टी की छवि बनी रही। पार्टी ने खास तौर पर प्रेस की आजादी का ख्याल रखा। चुनाव के दौरान साफ सुथरे चुनाव हो। पार्टी फंड में परदर्शी रखा गया। जिससे भाष्ट्राचार को बढावा नहीं मिले।
कोशिश रही कि सत्य,राष्ट्र निष्ठा और और लोकतंत्र का पालन पार्टी में होता रहे। उनकी पार्टी ने संस्कृतिक राष्ट्रवाद ओर सुराज का पालन किया। अंत में आडवाणी लिखते है कि इस समय लोकतंत्र का उत्सव का आयोजन हो रहा है मैं सबको बधाई और शुभकामाए देता हूं।
आडवाणी ने बहुत कुछ इशारे में कहा है, उनके लिखने के बाद से उनका ब्लॉग बंद हो गया है। इससे साफ हो गया हे कि आडवाणी अब पार्टी के काम करने के तारकों से इतफाक नहीं रखते है।