वकील तहसीलदार विवाद, एक वकील को हाई कोर्ट से मिली जमानत
बिलासपुर। रायगढ़ जिला मुख्यालय में नायब तहसीलदार और कर्मचारियों की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार एक वकील को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए कोर्ट ने आदेश की कापी उपलब्ध कराने के साथ ही याचिकाकर्ता वाकई को जेल से बाहर लाने की व्यवस्था भी कर दी गई है। रायगढ़ जिला मुख्यालय में न तहसीलदार और वकीलों के बीच के बाद पुलिस ने मारपीट के आरोप में वकीलों के खिलाफ जुर्म दर्ज गिरफ्तारी भी की है। इससे पहले मारपीट के विरोध में प्रदेश के राजस्व अफसरों कामबंद हड़ताल पर चले गए थे। इसके चलते कामकाज ठप पड़ गया था। सभी आरोपितों की गिरफ्तारी और राजस्व न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी।
इसी बीच प्रदेशभर के वकील संघों ने मोर्चा खोल दिया है। राजस्व न्यायालय में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना दिया है। वकीलों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। रायगढ़ जिला एंव सत्र न्यायालय में वकील भुवनलाल साव ने जमानत आवेदन पेश किया था। जिसे जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया था। निचली अदालत से जमानत आवेदन खारिज होने के बाद वकील ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
मंगलवार को सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा, अवध त्रिपाठी के साथ ही अन्य वकीलों ने जस्टिस दीपक तिवारी के सिंगल बेंच में पैरवी की। वकीलों ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता वकील भुवनलाल साव निर्दोष हैं। उनका एफआइआर में नाम भी नहीं है। घटना स्थल पर खड़े होने के कारण पुलिस ने दुर्भावनापूर्वक आरोपित बना दिया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील को जमानत दे दी है।
याचिकाकर्ता वकील भुवनलाल साव की याचिका पर सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा ने सिंगल बेंच के समक्ष बहस की और पक्ष रखा। खास बात ये इस दौरान कोर्ट में वकीलों की भारी भीड़ जुट गईथी। इस दौरान कोर्ट के समक्ष तकरीबन 25 वकीलों ने याचिकाकर्ता वकील भुवनलाल को तत्काल जमानत पर रिहा करने की मांग की। वकीलों की मांग को हाई कोर्ट ने स्वीकार कर जमानत दे दी है।
अब तक पांच की हुई गिरफ्तारी, दो फरार इस पूरे मामले में पुलिस अब तक 5 वकीलों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि 2 अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। वकीलों की गिरफ्तारी और तहसील न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की शर्त पर ही कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने कामकाज की बात कही है।