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किन्नारों की शादी करने वाले फिल्म निर्माता को किन्नरों ने बनाया बंधक

— शादी करने वाले वर—वधू को डेढ लाख देना का किया था वादा

— 15 जोडों ने की शादी तो फिल्म निर्माता बात से पलटा ,हंगामा

छत्तीसगढ । यह घटना किसी भी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। छत्तीसगढ में एक फिल्म निर्माता ने किन्नरों के भलाई के लिए उनकी सामुहिक शादी कराने के पहल की। देश में पहली बात किन्नरों का समुहिक विवाह सम्मेलन हुआ। विवाह सम्मेलन में रिति रिवाज और धूमधाम की कोई कमी नहीं रही। फिर भी सम्मेलन के दूसरे दिन किन्नर वर वधू फिल्म निर्माता के आफिस पहुंकर जमकर ​हंगामा करते और उसे बंधक बना लेते ​है। यह घटना रविवार 31 मार्च की है। पुलिस यहां पहुंकर बंधक निर्माता को काफी जद्दोजेहद के बाद किन्नरों के कब्जे से करवाती है।

दरअसल हुआ यूं कि छत्तीसगढ के रायपूर जिले के पुजारी पार्क के पास रहने वाले ​सुरेश शर्मा फिल्म निर्माता है। इन्होंने अब चार माह पहले किन्नरों की प्रेम कहानी और शादी को लेकर एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम हंसा है। फिल्म हंसा को काफी तारीफ मिली और लोगों ने बहुत सराहा। सुरेश शर्मा चुंकि पहले से किन्नर सुमदाय के बीच काम करते रहे है। उन्होंने इस समुदाय के लिए काफी कुछ सुधार करने में अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाई है। समुदाय को नए तरह से पहचान दिलाने के लिए सूरेश शर्मा ने किन्नरों का भी समुकि विवाह सम्मेलन कराने की योजना बनाई, उन्होंने योजना को किन्नर समुदाय से साझा किया। बात बन गई और समुहिक विवाह सम्मेलन की तैयार शुरू हो गई। सुरेश शर्मा को उम्मीद थी कि दो चार जोडे सम्मेलन में शामिल होंगे इसलिए उन्होंने प्रत्येक जोडें को दंपत्य जीवन शुरू करने के लिए डेढ लाख रूपए देने का एलान कर दिया ,लेकिन 30 मार्च 219 को पुजारी पार्क में 15 किन्नर जोडों ने विवाह सम्मेलन में विवाह कर दंपत्य जीवन शुरू किया।

विवाह के बाद सुरेश शर्मा ने जोडों को पांच हजार रूपए ही दिए जिससे किन्नर जोडें भडक गए उन्हें तो आस थी कि डेढ लाख मिलेगे पर पांच हजार रूपए ही देकर उन्हें चलता किया जा रहा है फिर क्या था किन्नर जोडों ने अपने साथियों सहित फिल्म निर्माता सुरेश शर्मा के कार्यालय पर हंगामा शुरू कर दिया और शर्मा का बंधक बना लिया। किन्नरों का कहना था कि जब तक शर्मा 15 जोडों को डेढ लाख रूपए नहीं देता तब तक उसे बंधक बनाए रखेंगेा हंगामे के दौरान पुलिस को सूचना दी गई मौके पर पुलिस ने किन्नरों को समझाना शुरू किया। काफी देर बाद किन्नर माने और सुरेश शर्मा रिहा हुए हैं । बात यही खत्म नहीं हुई है,किन्नर समुदाय फिल्म निर्माता को युं ही नहीं छोडेंगा।

फिल्हाल तो किन्नर समुदाय का भला सोचने वाले फिल्म निर्माता सुरेश शर्मा ने राहत की सांस ली है लेकिन उन्होंने सबक भी लिया होगा कि इस तरह से बडे बदलाव नहीं किए जाते है।

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