कमलनाथ ने साधा बीजेपी पर निशाना, कहा- जो वादे किये, वो भी पूरे नहीं कर पाई BJP
भोपाल। राजधानी के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने उद्योगपतियों और व्यापारियों से वादे तो बहुत किये, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को नरेन्द्र नाहटा की अध्यक्षता वाले उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि अब हम संभागीय और जिला स्तर पर कांग्रेस के उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ का गठन करेंगे। इसके बाद हर संभाग में व्यापारियों और उद्योगपतियों की समस्याओं को जानने के लिए सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे, इसकी शुरूआत इंदौर से होगी।
‘छोटे धंधे करने वाले और व्यापारी भाजपा सरकार से डरे’
कमलनाथ ने कहा कि छोटे-छोटे धंधे करने वाले और अन्य व्यापारी भाजपा सरकार से डरे हुए हैं। जीडीपी की दरें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अधिक क्रय शक्ति से ही व्यापार चलता है। जिला उद्योग और व्यापार प्रकोष्ठ पहले अलग-अलग व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को जोड़कर उनसे चर्चा करे और फिर उन संगठनों से जुड़े लोगों को एकत्र कर उनकी व्यवहारिक समस्याओं की जानकारी ले। इस आधार पर व्यापारियों की समस्याओं के समाधान की बातें कांग्रेस घोषणा पत्र में शामिल की जायेंगी।
‘उद्योगपति-व्यापारियों से चर्चा कर बनायें रणनीति’
उन्होंने कहा कि व्यापार प्रकोष्ठ हर सप्ताह कार्यक्रम करने की कार्ययोजना तैयार करें। इसके लिए पहले जिले और संभाग के उद्योगपति और व्यापारियों से चर्चा कर उसकी रणनीति बनायें, फिर अन्य लोगों को भी प्रकोष्ठ से जोड़े। इसके बाद व्यापारियों के अलग-अलग उद्योग-धंधों के आधार पर समूह तैयार करें।
समस्याओं के समाधान को भी घोषणा पत्र में करेंगे शामिल
बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिये कि जीएसटी लगने के बाद कई राज्यों में मंडी शुल्क समाप्त कर दिया है या कम कर दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश में यह लागू है। इस पर भी विचार किये जाने का मुद्दा भी घोषणा पत्र में शामिल किया जाये। सदस्यों ने बिजली की दरें, रियल इस्टेट, कलेक्टर गाईड लाईन, रजिस्ट्री शुल्क, दस्तावेज पंजीयन, डायवर्सन शुल्क, भू-राजस्व संहिता का उल्लंघन, सिंगल विंडो सिस्टम में भ्रष्टाचार, उद्योगों के लीज रेंट और संपत्ति कर आदि समस्याओं के समाधान को भी घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए अपने सुझाव दिये।