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कमलनाथ ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कोशियारी कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की

भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि कोशियारी कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं होने के कारण राज्य के 36 लाख कामगार, श्रमिक, कर्मचारी और साढ़े तीन लाख ईपीएफ के पेंशनभोगी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर भगतसिंह कोशियारी कमेटी की रिपोर्ट तत्काल लागू करने की मांग की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में कमलनाथ ने याद दिलाया है कि वर्ष 2012 में भाजपा सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में याचिका लगाई थी। याचिका के संदर्भ में राज्यसभा ने सांसद भगतसिंह कोशियारी की अध्यक्षता में दस सांसदों की समिति गठित की थी। समिति को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पुनरीक्षण का दायित्व सौंपा गया था।

उन्होंने कहा कि कोशियारी कमेटी की रिपोर्ट राज्यसभा में लंबित है। केंद्र ने सिफारिश की थी कि ईपीएफ की न्यूनतम पेंशन तीन हजार रुपये की जाए। इस पर प्रचलित दर से महंगाई भत्ता दिया जाए। वर्तमान में महंगाई भत्ते की दर 14 प्रतिशत है। एक ओर तो एक सितंबर, 2014 के पहले ईपीएफ वाले पेंशनर्स को न्यूनतम दस हजार तथा अधिकतम 40 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर एक सितंबर, 2014 के बाद रिटायर्ड पेंशनर्स को न्यूनतम एक हजार तथा अधिकतम ढाई हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। यह उनके साथ अन्याय है।

कमलनाथ ने कहा कि पेंशन में भारी असमानता के कारण कामगारों और पेंशनभोगियों का जीवन-यापन मुश्किल भरा है। उन्हें भारी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह कमेटी ने पेंशन को मूल्य सूचकांक से जोड़ने की सिफारिश की थी। कमेटी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रति कर्मचारी 1.16 प्रतिशत के अंशदान को भी अपर्याप्त बताते हुए इसको बढ़ाने की सिफारिश की थी। समिति ने कहा था कि वृद्धावस्था में पेंशन एक सामाजिक सुरक्षा है, जो सेवाकाल के बाद संगठित एवं गैर संगठित क्षेत्र के कामगारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।

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