राजस्व प्रकरणों को अब आनलाइन करना अनिवार्य, राजस्व कानून संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी
रायपुर । छत्तीसगढ्र में राजस्व प्रकरणों को आनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल में दर्ज करना अब अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सरकार ने राजस्व कानून में संशोधन किया है। इसे राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।
राजस्व अफसरों के अनुसार संशोधित विधेयक के अनुसार तहसीलदार खाता विभाजन के लिए प्राप्त आवेदनों को सबसे पहले ई-नामांतरण पोर्टल में दर्ज करेगा।
इसके बाद सभी पक्षकारों को सूचना जारी करेगा और आम सूचना या ईश्तहार का प्रकाशन करेगा। किसी प्रकरण में आपत्ति प्राप्त होने पर या प्रकरण किसी कारण से विवादित प्रतीत होने पर वह आनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल से प्रकरण को अपने ई-राजस्व न्यायालय में स्थानांतरित कर पंजीकृत करेगा, अन्यथा प्रकरण में सभी कार्यवाही आनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल में की जाएगी।
सरकार ने भू-राजस्व संहिता में संशोधन करते हुए बंदोबस्त का नाम भू-सर्वेक्षण कर दिया है। बंदोबस्त आयुक्त अब आयुक्त भू-अभिलेख कहे जाएंगे। इसी प्रकार बंदोबस्त अधिकारी के लिए जिला सर्वेक्षण अधिकारी शब्द का प्रयोग होगा।
धरना-प्रदर्शन पर रोक के विरोध में जिलों में जेल भरेगी भाजपा
प्रदेश में धरना, प्रदर्शन और जुलूस को लेकर सरकार के आदेश का विरोध तेज हो गया है। भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में कोर ग्रुप की बैठक में सरकारी फरमान के विरोध में आंदोलन की रणनीति बनाई गई। करीब एक घंटे चली बैठक में विरोध का खाका तैयार किया गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन कर रही है। इसके विरोध में भाजपा हर जिले में प्रदर्शन करेगी। हर जिले में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा।
बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं कर रहे हैं। सरकार सभी वादे भूल गई है। अब कर्मचारी से लेकर अलग-अलग संगठन विरोध कर रहे हैं। इस विरोध से सरकार डर गई है और तुगलकी फरमान जारी किया है। प्रदेश में मिनी आपातकाल लगाने की कोशिश की जा रही है, जिसका भाजपा का हर कार्यकर्ता विरोध करेगा। यह सरकार डरी हुई है। जब तक रोक को लेकर जारी सर्कुलर को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक भाजपा विरोध करती रहेगी। आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।