68,500 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उत्तर पुस्तिकाओं पुनर्मूल्यांकन के निर्देश
उत्तर प्रदेश । अगस्त 2018 में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती परिणाम में हुई गडबडी के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का निर्देश दिए है। उच्च न्यायालय ने अपने देश में कहा है कि परिणाम संशोधित होने के बाद कट ऑफ मेरिट में आने वालों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि सफल अभ्यर्थियों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी करें सचिव परीक्षा नियामक कोर्ट ने कहा कि सचिव परीक्षा नियामक उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन अनिरूद्ध नारायण शुक्ल और राधा देवी केस की गाइडलाइन के आलोक में करें और संशोधित परिणाम राज्य सरकार को भेजा जाए। सरकार बचे हुए 22211 पदों के सापेक्ष कट आफ मेरिट के अनुसार सफल अभ्यर्थियों को चार सप्ताह में नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में काफी गडबडी हुई है। चयन परिक्षा परिणाम घोषित होने के बाद 41556 अभ्यर्थियों पास हुए थे. रिजल्ट के बाद 30,852 अभ्यर्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था. पुनर्मूल्यांकन के दौरान काफी गड़बड़ी पाई गई थी। अभ्यर्थियों की आपत्ति के बाद पुनर्मूल्यांकन में 46244 अभ्यर्थी उत्तीर्ण निकले थे। इसके बाद हंगामा मच गया और उप्र सरकार को जांच कमेटी बननी पडी। लेकिन जांच में कुछ हुआ नहीं। इधर कुछ परिक्षार्थी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मामले को ले गए। उच्च न्यायालय में सुनवाई के बाद 3 नवंबर 2019 को निर्णय दिया है।