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UN में पाकिस्तान ने फिर उठाया कश्मीर मुद्दा:भारत बोला- PAK सहानुभूति हासिल करने झूठ फैला रहा

भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में बार-बार जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर फटकार लगाई। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को झूठ फैलाने की कोशिश बताया है। UN में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है।

प्रतीक माथुर ने कहा- हम यहां UNSC रिफोर्म की बात कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने फिर से जम्मू-कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है। वो मानें या न मानें जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है। इसमें वो कभी कामयाब नहीं होंगे।

उन्होंने कहा- पाकिस्तान मल्टीनेशनल फोरा (बहुपक्षीय मंचों) का इस्तेमाल करके झूठ फैला रहा है। वो ऐसा शायद सहानुभूति हासिल करने के लिए कर रहा है। ये काफी निराशाजनक है।

भारत UN में कई बार पाकिस्तान को कहा चुका है कि वो बयानबाजी करके अपनी करतूत नहीं छिपा सकता है।
UN में पाकिस्तान को पहले भी भारत की खरी-खरी
मई 2022 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ओपन डिबेट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के हालिया आदेश को उठाया था। उन्होंने भारत में कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न और उन पर अत्याचार का भी आरोप लगाया था।

जरदारी ने कहा था कि हमारा भारत के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल हो गया है।
जरदारी ने कहा था कि हमारा भारत के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल हो गया है।
इन आरोपों को गलत बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर राजेश परिहार ने कहा था- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का एक अभिन्न हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के कब्जे में हैं। इससे कोई भी देश इनकार नहीं कर सकता है। पाकिस्तान हमारी मदद करना चाहता है तो वह स्टेट स्पॉन्सर्ड आतंकवाद को रोकने में योगदान दे सकता है।

UNGA के 77वें सत्र में शाहबाज ने उठाया था कश्मीर मुद्दा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने UNGA के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि वो वह पाकिस्तान और भारत के बीच शांति और अच्छे व्यवहार चाहते हैं। ये शांति जम्मू-कश्मीर विवाद के न्याय और स्थायी समाधान पर निर्भर है।

शाहबाज शरीफ ने कश्मीर को लंबा विवाद करार देते हुए कहा- भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए 5 अगस्त 2019 को एकतरफा कदम उठाया। भारत के फैसले से समाधान और मुश्किल हो गया है। जम्मू कश्मीर को हिंदू टेरेटरी बनाने की साजिश हो रही है। यहां भारत के फैसले से उनका मतलब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने से था।

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