सरकार ने बढ़ाई इन प्रोफेशनल्स की ताकत, अब ऐसे ITR को भी कर सकेंगे पास
नई दिल्ली। सरकार ने insolvency professionals की ताकत बढ़ा दी है। इसके तहत फाइनेंस मिनिस्ट्री ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा नियुक्त रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स (समाधान पेशेवर) को दिवालिएपन से गुजर रही कंपनियों के टैक्स रिटर्न (Income tax return) को सत्यापित करने की इजाजत देने के लिए आयकर नियमों (Income tax rules) में संशोधन किया है। मंत्रालय द्वारा अधिसूचित आयकर (24वां संशोधन) नियम, 2021 ने भी कुछ कंपनियों के कर रिटर्न तैयार करने वालों के लिए बनाए गए नियमों का पालन करने के लिए रिजॉल्यूशन पेशेवर का दायित्व बना दिया है।
नए नियम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को रिटर्न की तैयारी के लिए कंपनियों द्वारा दिए गए दस्तावेजों के विवरण के साथ-साथ दिवालिएपन की कार्यवाही से गुजर रही कंपनी के मामले में प्रतिनिधि द्वारा ऐसे दस्तावेजों पर किए गए किसी भी टेस्ट के दायरे और निष्कर्षों का विवरण प्रस्तुत करने की इजाजत देता है।
IT अधिनियम की धारा 140 के खंड (सी) और (सीडी) के तहत, किसी अन्य व्यक्ति को, जैसा कि बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जा सकता है, कंपनी और सीमित देयता भागीदारी के मामलों में आय की वापसी को सत्यापित करने में सक्षम बनाता है।
राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि आयकर नियम, 1962 में नियम 12A के बाद, निम्नलिखित नियम डाला जाएगा, जो कि 12AA होगा। धारा 140 के खंड (C) और खंड (CD) के प्रयोजनों के लिए तय व्यक्ति होगा।
धारा 140 के खंड (C) या खंड (CD) के उद्देश्य के लिए, कोई अन्य व्यक्ति व्यक्ति होगा, इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (2016 का 31) और नियमों और विनियमों के तहत, एक अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल, एक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल या एक लिक्विडेटर के कर्तव्यों और कार्यों के निर्वहन के लिए एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा नियुक्त किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम दोनों कानूनों को संरेखित करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि नियामक प्रक्रिया में कोई विसंगति न हो।