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मप्र शराब ठेकेदारों के सामने सरकार ने घुटने टेके, आज 9 महीने के लिए नीलाम होंगी 173 शराब दुकानें

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा[/mkd_highlight]

 

 

मध्यप्रदेश। सरकार को घुटने टेकने ही पड़े शराब कारोबारियों के आगे।अब इंदौर सहित बाकी जिलों में भी अगले 9 महीनों (31मार्च) के लिए शराब दुकानों की नीलामी के लिए आबकारी विभाग ने सहमति दे दी है।इंदौर जिले की 173 दुकानें नीलाम करने की ऑनलाइन प्रक्रिया गुरुवार की दोपहर से शुरु होकर शाम 4 बजे से बोली शुरुहोगी। आबकारी विभाग ने सभी दुकानों कीसरकारी बोली 1165 करोड़ निर्धारित की है, ठेकेदारों का समूह इस पर राजी नहीं है।

सरकार ने प्रदेश क शराब ठेके 9 महीने के लिए नीलाम करने की सहमति देकर एक तरह से ठेकेदारों की यह मांग मान ली है। हांलाकि लीकर कारोबार में दखल रखने वाले जगदीश अरोरा (भोपाल) की मांग थी कि सरकार 21 महीनों (मार्च 22) के लिए ठेके नीलाम करे लेकिन वह मांग मंजूर नहीं की है।9 महीने के लिए ठेके नीलामी पर इंदौर सहित बाकी शहरों के लीकर कारोबारी राजी हो गए हैं।

सहायक आबकारी आयुक्त आरएन सोनी ने बताया इंदौर जिले की सभी दुकानों के लिए सरकारी बोली 1165 करोड़ रु और हर एक दुकान की 50-50 लाख रु निर्धारित की गई है।हाईकोर्ट में चल रहे मामले में अब 23 तारीख को सुनवाई होगी।

गुरुवार को होने वाली नीलामी को लेकर प्रमुख ठेकेदार रमेश राय ने अन्य ठेकेदारों के साथ बैठक कर महाकाल ट्रेडर्स के नाम से ग्रुप बनाया है, इस ग्रुप पर जगदीश अरोरा की भी सहमति है।इस ग्रुप में अधिकांश वही ठेकेदार हैं जो इंदौर लीकर गैलरी में भी थे। चूंकि हाईकोर्ट में चल रहे मामले में सरकार के खिलाफ लीकर गैलरी भी पार्टी है इसलिए वही सारे ठेकेदार महाकाल ट्रेडर्स के नाम से नीलामी में सभी 173 दुकानें खरीदने का प्रयास करेंगे।

— नीलामी में फंस सकता है पेंच

गुरुवार को हो रही नीलामी में सरकारी बोली 1165 करोड़ को लेकर पेंच फंस सकता है।साल भर के लिए नीलाम की गई दुकानों की यह बोली रही थी, जबकि अब दुकानों की नीलामी 9 महीनों के लिए (जुलाई से मार्च 21)के लिए नीलामी हो रही है।ठेकेदार यह आवेदन दे सकते हैं कि 1165 करोड़ में 20 से 40 प्रतिशत कम कर सरकारी बोली निर्धारित की जाए।ऐसी स्थिति बनने की संभावना को देखते हुए ही सरकार ने दो महीने का (अप्रैल और मई 2021) अतिरिक्त लाभ देने का रास्ता निकाला है। यदि इसके बाद भी ठेकेदार समूह सहमत नहीं हुआ तो बहुत संभव है कि सरकार को फिर सात दिन के लिए दुकानें नीलाम करने पर बाध्य होना पड़े।

— ठेकेदारों में भी प्रतिस्पर्धा

इंदौर की शराब दुकानों की नीलामी में ठेकेदारों के दो गुटों में बन रही प्रतिस्पर्धा की स्थिति का आबकारी विभाग को लाभ मिल सकता है।महाकाल ट्रेडर्स वाले ग्रुप को रमेश राय लीड कर रहे हैं जबकि बनारस वाले जवाहर जायसवाल (स्व मिठाईलाल जायसवाल) की भी इंदौर के ठेके में दिलचस्पी है। हांलाकि देवास जिले की दुकानों का ठेका जायसवाल ग्रुप ने 240 करोड़ में मार्च 2020 में ही लिया था लेकिन बाद में दुकानें चलाने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी।कल हो रही नीलामी में जायसवाल ग्रुप शामिल हुआ तो महाकाल ट्रेडर्स की सभी दुकानों पर कब्जे वाली प्लानिंग फेल हो सकती है।

— ठेकेदारों का अटका हुआ है 60 करोड़

लाकडाउन के चलते शराब दुकानें नहीं खोल पाने, ठेका शर्तों में रियायत, नुकसान की भरपाई को लेकर सरकार के विरुद्ध शराब ठेकेदारों ने जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर रखी है। कोर्ट ने ठेकेदारों के पक्ष में यह निर्देश दे रखे हैं कि सरकार इन्हें दंडित नहीं करेगी। लायसेंस फीस की अर्नेस्ट मनी की 5 फीसद राशि के रूप में जो 60 करोड़ रु इंदौर के कारोबारियों ने जमा कर रखे हैं वह पूरी राशि भी सरकार लौटाए। यह राशि ठेकेदारों को अब तक नहीं मिली है, हाईकोर्ट में बुधवार को इस मामले को भी ठेकेदारों के वकील कोर्ट के समक्ष रखने वाले थे लेकिन अगली तारीख 23 जून तय किए जाने से अब उस दिन चर्चा होगी।

— आबकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत

अभी जो सात दिन के लिए दुकानें नीलाम की गई हैं, उनमें भी विभाग और ठेकेदारों की मिलीभगत सामने आ रही है। जिन दुकानों में ठेकेदारों का माल भरा है वहा बिक्री के लिए तो आबकारी का अमला बैठा है लेकिन ठेकेदार अपना माल खपाने के लिए निर्धारित से भी सस्ते भाव में देशी शराब के पौवे-बोतल आदि बेच रहे हैं ताकि सात दिन की अवधि में सारा माल बिक जाए वरना विभाग का कब्जा हो जाएगा तो एक धेला नहीं मिलेगा। इसी तरह कुछ दुकानों पर खुदरा विदेशी शराब तो विभाग का अमला बेच रहा है और उसी कॉउंटर बैठे ठेकेदार के कर्मचारी पेटियां बेच रहे हैं जबकि एक व्यक्ति को चार बोतल से अधिक शराब देना नियमों का उल्लंघन है।

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