Madhy PradeshTop Stories

बिमार पशु के इलाज के लिए घर बुलाया सरकारी डॉक्टर तो देना होगी 100 रूपए फीस

 

— डायल 1962 पशु संजीवनी निःशुल्क योजना अब सशुल्क

 

      (दीपक भार्गव)

 

मध्यप्रदेश। सरकार की डायल 1962 पशु संजीवनी निःशुल्क योजना के क्रियान्वयन को लेकर घाटे में चल रहा पशुपालन विभाग अब इस योजना पर शुल्क बसूलने की तैयारी कर रहा है। जानकारीअनुसार पशुपालन विभाग ने पशु संजीवनी योजना पर सौ रुपए प्रति पशु उपचार शुल्क की दर निर्धारित की है जो एक नवम्बर से लागू हो जाएगी। शुल्क बसूलने के पीछे विभाग का तर्क है कि इससे 1962 टोल फ्री नम्बर पर आने वाले फेंक कॉल में कमी आएगी और योजना के क्रियान्वयन में आने वाले खर्च के लिये धन संग्रह भी हो जाएगा। यहां बता दें कि अपने घर पर ही पशुओं के उपचार के लिए सरकार ने पशु संजीवनी डायल 1962 योजना दो अक्टूबर 2018 से प्रदेश में शुरू की थी। इस योजना से पशु पालक 1962 नम्बर डायल कर घर पर ही अपने पशुओं का उपचार निःशुल्क कराते थे। जारी आंकड़ों के अनुसार योजना से प्रदेश के करीब तीन लाख पशुओं का उपचार अब तक किया चुका है।

     क्या है मध्य प्रदेश पशु संजीवनी योजना

– मध्य प्रदेश सरकार ने पशु संजीवनी योजना के तहत हर ब्लॉक में एक संजीवनी वैन की तैनाती की है।
– वैन में एक पशु चिकित्सक के साथ ही पैरा मेडिकल स्टॉफ रहता है।
– वैन में सर्जरी के उपकरणों के साथ ही पशुओं को दी जाने वाली दवाएं भी उपलब्ध रहती हैं।
– जब पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करेंगे तो उनका मोबाइल नंबर रजिस्टर कर लिया जाएगा।
इसके बाद इसकी सूचना फोन करने वाले व्यक्ति के ब्लॉक की संजीवनी वैन के प्रभारी को एसएमएस के जरिए भेज दी जाती है।
– एसएमएस मिलने के बाद प्रभारी पशुपालक को फोन कर व उसके घर की लोकेशन लेकर पशुपालक के समय के आधार पर अपने लिए समय मांगता है।
– पशु की स्थिति चिंताजनक होने पर टीम तत्काल मौके पर पहुंचती है। अगर पशु किसी सामान्य सी बीमारी से पीड़ित है तो पहुंचने में कुछ समय लग सकता है। टीम पहले आई शिकायतों का पहले निस्तारण करती है।
– इस योजना का लाभ गाय, भैंस, बकरी जैसे पशुओं के उपचार के लिए मिलता है। कुत्ते, बिल्ली या अन्य पशुओं के बीमार होने पर वैन की सुविधा नहीं मिलती।
– संक्रमित बीमारियों से पशुओं के बचाने के लिए उनका टीकाकरण भी किया जाता है।
– पशुपालकों की पसंद के अनुसार उनके घर पर ही पशुओं का अधिकतम उत्पादक क्षमता के वीर्य से क्रत्रित गर्भाधान की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
– टोल फ्री नंबर 1962 पर ही फोन करके पशुपालन से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।

इनका कहना है-
आकस्मिक व घर पहुंच पशु चिक्तिसा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 100 रुपए प्रति केश व प्रति पशु निर्धारित किया गया है।
(डॉ ओपी ओढ़, संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग भोपाल)

Related Articles

Back to top button