मप्र में आरएसएस कार्यालय पर फिर तैनात होगी फोर्स
-कांग्रेस सरकार ने पहले हटाई थी सुरक्षा
मध्यप्रदेश। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश कर राजधानी में बने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय से देर रात सुरक्षा हटाने के निर्देश दिए और उसी समय सुरक्षाकर्मी केंप हटा कर चले गए। सुबह से इस मामले में जमकर हंगामा मच गया। इधर, कांग्रेस नेता और भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने इसे सरकार का गलत निर्णय बोलकर भूचाल ही ला दिया। मंगलवार को सरकार ने संघ कार्यालय को वापस सुरक्षा देने के आदेश जारी कर दिए।
जानकारी के अनुसार साल 2009 से भोपाल में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय पर एक चार का गार्ड तैनात था। यहां तब से कैंप में रहते हुए सुरक्षाकर्मी चौबीस घंटे पहरा देते थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मार्च माह के प्रथम स्पताह में सरकार ने संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया और देर रात सुरक्षाकर्मी अपना कैंप हटाकर चले गए। दूसरे दिन इस बात ने तुल पकड लिया, संघ और बीजेपी ने सरकार के इस कदम को लेकर हमला बोलना शुरू ही किया था कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार के इस निर्णय को गलत बता कर ममाले को नया मोड दे दिया। मंगलवार को सरकार ने संघ कार्यालय को सुरक्षा वापस देने का आदेश जारी कर दिया।
अब सवाल यह उठा कि आखिर दिग्विजय सिंह ने संघ कार्यालय को सुरक्षा नहीं देने के निर्णय को गलत क्यों बताया। इस पर राजनीति और संघ को लेकर अच्दी समझ रखने वाले बताते है कि दिग्विजय सिंह संघ को बहुत अच्दी तरह से समझते है,चुनाव के दौरान संघ किस तरह से काम करता है यह भी जनाते है। उनका मानना है कि सुरक्षा हटाने के बाद संघ कार्याकल पर हमला हो सकता था और उसके बाद लोकसभा चुनाव में यह बडा मुद्दा बनाता जिसका लाभ बीजेपी को मिलता। यह बात दिग्विजय सिंह को अच्छी तरह से पता है। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह ने संघ कार्यालय से सुरक्षा को हटाने के निर्णय को गलत बताया। कमलनाथ सरकार को भी जल्द ही दिग्विजय सिंह की बात समझ आ गई और संघ कार्यालय पर वापस सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोर विरोधी है और समय समय पर संघ को लेकर बयान देते रहते है। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बहुत नजदीक से जानते है संघ में उनके कई मित्र है। इस समय दिग्विजय सिंह मप्र की भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में है।