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RAIL BUDGET: देश में पहली बार चलेंगी प्राइवेट ट्रेनें, बढ़ेगी निजी भागीदारी

दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट देश के सामने पेश किया जा चुका है। इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल बजट भी सदन के पटल पर रखा। वित्तमंत्री ने रेलवे के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। जिसमें साफ, सुरक्षा और समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर दिया गया।

सदन में बजट भाषण देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को 2018-2030 के बीच 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। रेलवे के क्षेत्र में तेजी से विकास और यात्री माल ढुलाई सेवाओं के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) का उपयोग किया जाएगा। देश में पहली बार पटरी पर प्राइवेट ट्रेनें चलती दौड़ती आएंगी। रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है।

सरकार देश के रेलवे स्टेशनों को मॉडल रुप देने की दिशा मेंं भी काम करेगी। सरकार का प्रयास है कि स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जाए। इसके लिए रेलवे ने फ्रांस के साथ समझौता किया है। फ्रांस के साथ हुए इस समझौते के तहत ढांचागत विकास पर सरकार सात लाख यूरो खर्च करेगी। मालूम हो कि इंडियन रेलवे पहले ही स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की दिशा में काम शुरू कर चुकी है। इसके मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज स्टेशन पर काम किया जा रहा है।

अब रेलवे स्टेशनों को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाएगा। मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का मतलब है कि अब लोगों को रेलवे स्टेशन से ही कई तरह के परिवहन साधन उपलब्ध होंगे। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन (IRSDC) वर्तमान में मध्य प्रदेश के हबीबगंज स्टेशन और गुजरात के गांधी नगर स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित कर रहा है।

साल 2019-20 के बजट में 300 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी मिली है। इस साल 657 किलोमीटर नए मेट्रो रेल नेटवर्क पर संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशनों और ट्रेनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वित्तमंत्री ने बताया कि मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ रुपये से भी कम लागत में देश में बनाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 इंडियन रेलवे की फ्लैगशिप ट्रेन में शामिल है। रेल बजट 2019 में हम केवल इस उपलब्धि का बखान नहीं करना चाहते, बल्कि ये भी घोषणा करना चाहते हैं कि आगे भी इस तरह की ट्रेनों का उत्पादन जारी रहेगा।

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