BusinessTop Stories

फीफा फाइनल में 2 दिग्गज कंपनियां भी भिड़ीं:फ्रांस के प्लेयर्स Nike और अर्जेंटीना के Adidas की जर्सी में; 48 साल से जारी स्पॉन्सरशिप की जंग

फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में रविवार को कतर के लुसैल स्टेडियम में अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हरा दिया। यह मैच दुनिया की दो सबसे बड़ी स्पोर्ट्सवियर कंपनियों के बीच एक शोडाउन भी रहा। दरअसल, एडिडास लंबे समय से अर्जेंटीना की नेशनल टीम का स्पॉन्सर रहा है जबकि फ्रांस को नाइकी इंक ने बैक किया। वहीं इस साल वर्ल्ड कप में शामिल कुल 32 टीमों में से 13 को नाइकी और 7 को एडिडास ने जर्सी प्रोवाइड की।

यह केवल तीसरी बार था जब नाइकी ने एडिडास से बेहतर प्रदर्शन किया है और नाइकी ने अपने स्पोर्टिंग राइवल के साथ अब तक का सबसे बड़ा अंतर रखा। दशकों से, एडिडास वर्ल्ड कप किटों पर प्राइमरी नेम रहा है। एडिडास ने जर्मनी में 1974 फीफा वर्ल्ड कप में 16 टीमों में से 9 को स्पॉन्सर किया था और डॉमिनेंस इस वर्ल्ड कप से पहले तक जारी रहा।

अर्जेंटीना की जर्सी की जबरदस्त डिमांड
एडिडास को फीफा वर्ल्ड कप फाइनल से पहले अर्जेंटीना के फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी की जर्सी की डिमांड को पूरा करने के लिए संघर्ष भी करना पड़ा। मेसी के करियर का ये आखिरी वर्ल्ड कप मैच था। एडिडास की वेबसाइट पर अर्जेंटीना की मेन्स होम जर्सी और अवे जर्सी की कीमत 4999 रुपए हैं। वहीं नाइकी की जर्सी की कीमत 4695 रुपए है।

नाइकी ने अपने वर्ल्ड कप मर्चेंडाइज का 23% सिर्फ 2 हफ्ते के अंदर ही बेच दिया। जबकि इतने समय में ही एडिडास सिर्फ 11% ही बेच पाया। ​​
वर्ल्ड कप चैंपियनशिप निश्चित रूप से एडिडास और नाइकी की बिक्री को बढ़ा रही है और उनकी इन्वेंट्री को क्लियर भी कर रही है।
9 नवंबर को अपनी क्वार्टरली कॉन्फ्रेंस कॉल में एडिडास ने कहा था कि उसे वर्ल्ड कप से लगभग 400 यूरो ($415 मिलियन) की बिक्री की उम्मीद है।
ये एडिशनल एनुअल रेवेन्यू का लगभग 2% होगा। वहीं नाइकी ने अपनी वर्ल्ड कप सेल्स के बारे में अब तक कोई कमेंट नहीं किया है।
1974 में पहली बार जर्सी पर लोगो
30 बिलियन डॉलर के ग्लोबल लाइसेंस वाले स्पोर्ट्स मर्चेंडाइज मार्केट में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए किट लाइसेंसिंग डील जरूरी है। 48 साल पहले 1974 तक वर्ल्ड कप में टीम की जर्सी पर किसी भी ब्रांड के डिस्प्ले की अनुमति नहीं थी। 1974 वर्ल्ड कप के बाद से एडिडास 134 टीमों के लिए जर्सी स्पॉन्सर रहा है। नाइकी 63 नेशनल टीमों के साथ दूसरा बड़ा ब्रांड है।

स्पॉन्सरशिप से कैसे कमाती हैं कंपनियां?

स्पॉन्सरशिप लाखों दर्शकों के सामने ब्रांड दिखाने का एक शानदार तरीका है।
जितने ज्यादा लोग उस ब्रांड को जानेंगे उतनी ही ज्यादा सेल्स बढ़ेगी।
इवेंट से जुड़ी मर्चेंडाइज (जूते, जर्सी, अन्य) को बेचने का मौका मिलता है।
किसी भी कंपनी के रेपुटेशन में सुधार करने में मदद मिली है।

ग्लोबल ऑडियंस रीच में फायदेमंद
फीफा जैसा टूर्नामेंट ब्रांड्स को विजिबिलिटी हासिल करने में मदद करता है। नीलसन एनालिसिस के अनुसार 7 रीजन और 20 इंडस्ट्रीज के बीच 100 स्पॉन्सरशिप के कारण फैनबेस के पर्चेजिंग इंटेंट (खरीदने का इरादा) में औसतन 10% का इजाफा हुआ है। इसलिए वर्ल्ड कप स्पॉन्सरशिप कंपनियों के लिए ग्लोबल ऑडियंस तक पहुंचने और ब्रांड बिल्डिंग के लिए फायदेमंद है।

Related Articles

Back to top button