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देश का किसान गुस्से में है,कृषि मंत्री को दिखाए काले झंडे

जोरावर सिंह

देश में किसान आन्दोलन को करीब आधा साल बीतने वाला है,किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच फिलहाल बातचीत का रास्ता बंद है, और किसान आंदोलन की राह पर बने हुए है। देश भर में किसान आन्दोलन को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। अब सरकार के साथ भाजपा की मुखालफत भी खुलकर कर रहे है। इसका नतीजा है कि किसानों को अब सरकार की मुखालफत का खािमयाजा भी भुगतना पड रहा है।


गौर तलब है कि किसान आन्दोलन में अब किसान दिल्ली बार्डरों पर बीते छह महीनों से जमे हुए है। किसान और केन्द्र सरकार के साथ हरियाणा सरकार आमने सामने है, हरियाणा में यह हालत है कि जहां भी सत्ता पक्ष के विधायक या फिर मंत्री पहुंचते है, किसानों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। इस कारण से किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस के बीच तनी तनी की स्िथति बन रही है, हालात यह है कि बीते दिनों किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद किसान गुस्से में है। इससे सरकार की मुश्किलें और बढती जा रही है।

— अब उत्तर प्रदेश की तैयारी

किसान आन्दोलन के नेताओं ने बंगाल के चुनावों में भाजपा का विरोध किया था, भाजपा के विरोध में बडे किसान नेता राकेश टिकेत ने कई रेलियां भी की है, कारण कुछ भी रहे हो, लेकिन बंगाल में भाजपा को अपने मुंह की खानी पडी, बंगाल में भाजपा की हार के बाद अब उत्तर प्रदेश में चुनाव आगामी समय में होने वाले है, ऐसे में सरकार की मुश्किलें बढी हुई है। किसानों के बड़े चेहरे के रूप में उभरे किसान नेता राकेश टिकैत अब खुले तौर पर किसानों से भाजपा को हराने की अपील करते देखे और सुने जा रहे है। इस कारण से भी किसान और सरकार के बीच टकराव के हालात बनने लगे हैं।

—लाठीचार्ज के बाद से बढता आक्रोश

किसानों पर बीते दिनों हिसार में किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, इसमें कई महिला किसानों को भी चोटे आई थी, इसके बाद किसानों ने भी जमकर प्रदर्शन किया, लेकिन अब महिला किसानों पर हुए लाठी चार्ज की तश्वीरे जैसे जैसे सोशल मीडिया पर आ रही है, किसानों में आक्रोश बढता जा रहा है। किसानों का आक्रोश हरियाणा सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है, इससे भाजपा के नेताओं को जनता के बीच जाने में उनके तीखे सवालों का सामना करना पड रहा है, तो वहीं हरियाणा सरकार में शामिल जेजेपी की भी मुश्िकलें बढ रही है।

—खुद के ही घर में हो गया विरोध

किसान अपनी मांगों पर अब अडिग है, किसान जरा भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है, तो सरकार भी नहीं मान रही है, ऐसे केन्द्र सरकार से लेकर भाजपा के पदाधिकारियों को किसानों के विरोध का सामना करना पड रहा है, इसका उदाहरण आज ही सामने आया जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनकी संसदीय क्षेत्र के श्योपुर में किसानों के विरोध का सामना करना पडा। यहां किसानों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। इससे यह भी माना जा रहा है कि एक बार िफर मध्यप्रदेश में किसान आन्दोलन प्रवेश कर रहा है,यदि प्रदेश में भी किसान आन्दोलन बढता है तो प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ सकती है।

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