जौनपुर: पारिवारिक विवाद में भाइयों पर अवैध कब्जे का आरोप, पीड़ित ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की
जौनपुर में परिवारिक विवाद ने लिया गंभीर रूप, प्रार्थी ने लगाई सुरक्षा की गुहार
जौनपुर: भाइयों द्वारा संपत्ति पर अवैध कब्जा, पीड़ित ने पुलिस और प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
जौनपुर – तेजीबाजार थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव के निवासी राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने अपने भाइयों और भतीजों पर उत्पीड़न और अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक, वन विभाग, और जिलाधिकारी जौनपुर से सुरक्षा की गुहार लगाई है। प्रार्थी ने अपने आवेदन में बताया कि उनके भाई नागेन्द्र, महेन्द्र, जितेन्द्र और शैलेश सिंह सहित उनके भतीजे रवि सिंह, अमन सिंह, अरविंद सिंह, आकाश सिंह, जो पुलिस के पद पर कार्यरत हैं, जबरदस्ती उनकी संपत्ति और माल-मवेशी तथा खेत में खड़ी फसल को बर्बाद कर रहे हैं और आंवला के पेड़ को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
राजेन्द्र प्रसाद सिंह का कहना है कि उनके भाइयों ने उनकी गैरमौजूदगी में उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने और आंवला के पेड़ को काटने का प्रयास किया। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो भाइयों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। पुलिस को बुलाने पर स्थिति कुछ समय के लिए शांत हुई, लेकिन पुलिस के जाने के बाद भी आरोपी पेड़ काटने की कोशिश कर रहे हैं। इस सब में उनके साथ ग्राम प्रधान हरेंद्र सिंह उर्फ बबलू भी उनका साथ दे रहे हैं, जिससे परिवार का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है।
राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने अपने आवेदन में लिखा है कि उनके भाइयों ने धनबल और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर गांव में दहशत फैलाई हुई है। इसके बावजूद, पुलिस और स्थानीय प्रशासन से शिकायत करने पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।
प्रार्थी ने वन विभाग से भी अपील की है कि उनके हरे-भरे और फलदार पेड़ को बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की जान-माल की सुरक्षा की मांग की है।
राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने जिलाधिकारी को दिए गए अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाई और भतीजे लगातार उन्हें धमका रहे हैं और उनकी जमीन पर कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं। प्रार्थी का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने अपने आवेदन में प्रशासन से मांग की है कि उनके भाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उनके पेड़ों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए वैधानिक संरक्षण चाहते हैं।
स्थानीय प्रशासन का रुख:
पुलिस अधीक्षक और वन विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, और मामले की जांच में जान-बूझकर देरी की जा रही है, जिससे दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के नाम प्रार्थना पत्र:
प्रार्थी राजेन्द्र प्रसाद सिंह, निवासी ग्राम शेखपुरा, थाना तेजीबाजार, जिला जौनपुर, एक सामान्य व्यक्ति हैं, लेकिन उनके पट्टीदार नागेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, जितेन्द्र सिंह, शैलेश सिंह, रवि सिंह, और अरविन्द सिंह बड़े ही प्रभावशाली और धनबल से सम्पन्न लोग हैं।
इन्हीं शक्तियों और प्रभाव का दुरुपयोग कर ये लोग प्रार्थी की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर रहे हैं और अवैध ढंग से प्रार्थी के घर और संपत्ति को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। इन व्यक्तियों ने थाना तेजीबाजार के पुलिसकर्मियों को भी अपने साथ मिलाकर कई बार प्रार्थी के साथ दुर्व्यवहार किया है। पुलिस अधिकारी और सिपाही इन प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर प्रार्थी को धमकाते हैं और गाली-गलौज करते हैं।
प्रार्थी राजेन्द्र प्रसाद सिंह माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करते हैं कि इस प्रकरण में सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि प्रार्थी को न्याय मिल सके और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
जौनपुर के शेखपुरा गांव में एक पारिवारिक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है, जिसमें संपत्ति और पेड़ों को लेकर विवाद चल रहा है। प्रार्थी ने अपने भाइयों पर उत्पीड़न और अवैध कब्जे का आरोप लगाया है और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है, लेकिन प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की है।
प्रार्थी ने पहले भी न्यायालय में सिविल वाद संख्या 208/2018 (जितेन्द्र बनाम राजेन्द्र) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। न्यायालय में कैसे चल रहा है उसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है पुलिस प्रशासन भी इसे रोकने में नाकाम है।
जितेंद्र सिंह पहले भी कारतूस घोटाले में जेल जा चुके हैं और उन्होंने कहा है कि उन्हें जेल जाने से डर नहीं लगता, बल्कि उन्हें इसकी आदत है। रवि और नागेंद्र पैसे की ताकत से दावा करते हैं कि वे किसी को भी खरीद सकते हैं।
श्रेया सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए उपरोक्त घटना बताई।