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सावधान फेस्बूक यूसर, यूसर डाटा फिरसे लीक हो सकता है

फेसबुक ने गुरुवार को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें उसने भविष्य में भी डाटा लीक जैसी घटनाओं के लिए निवेशकों और यूजर्स को सचेत किया है।उसने कहा है कि इस तरह के मामले कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं कंपनी ने इस रिपोर्ट में कैंब्रिज एनालिटिका का नाम नहीं लिया है।फेसबुक ने रिपोर्ट में कहा है कि डाटा की सुरक्षा के लिए कंपनी हर संभव कदम उठा रही है। इसके साथ ही कंटेंट रिव्यू के लिए भी बड़ी रकम खर्च कर रही है। जिससे डाटा का गलत इस्तेमाल होने से रोका जा सके। फेसबुक ने यह भी कहा है कि कंपनी अपनी ओर से हर तरह प्रयास कर रही है लेकिन मीडिया और थर्ड पार्टी की ओर से इस तरह की गतिविधियां सामने आ रही हैं।

फेसबुक ने यूजर्स और निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि इस तरह के मामले भविष्य में भी सामने आ सकते हैं। जिसमें कंपनी की पॉलिसी के खिलाफ डाटा का गलत इस्तेमाल चुनावी कैंपेन, अनचाहे विज्ञापन और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए किया जाता है। कंपनी ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो यूजर्स का फेसबुक पर से भरोसा और कम हो सकता है। जिसका सीधा असर कंपनी की ब्रांड इमेज और बिजनेस पर पड़ेगा। कंपनी ने कहा कि ऐसे मामलों के कारण उसकी कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं जिसमें पैनाल्टी के कारण कंपनी को आर्थिक नुकसान भी उठाना होगा। साथ ही कंपनी का समय भी खर्च होगा।

बता दें लोगों का डाटा ‘दिस इज योर डिजिटल लाइफ’ नाम के क्विज एप की सहायता से एकत्रित किया गया था, जिसे एलेक्जेंडर कोगन ने बनाया था। इसके बाद यह डाटा कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के साथ साइकोलॉजी रिसर्चर और एलेक्जेंडर की कंपनी ग्लोबल सांइस रिसर्च के पास गया। आखिर में फिर यह डाटा कैंब्रिज एनालिटिका को यूजर्स की रजामंदी के बिना ही सौंप दिया गया था।चुनाव आयोग फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अगले माह के अंत तक आचार संहिता लागू करेगा, ताकि देश की चुनावी प्रक्रिया को सोशल मीडिया के जरिए कोई प्रभावित न कर सके। आयोग ने फेसबुक डाटा लीक मामला सामने आने पर आचार संहिता बनाने का निर्णय लिया था। कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक डाटा से भारतीयों को चुनाव के दौरान प्रभावित करने के मामले में सरकार ने दोनों कंपनियों को फिर से नोटिस जारी किया है। जबकि चुनाव आयोग सोशल मीडिया की ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अगले दो सप्ताह में आचार संहिता को अंतिम रूप प्रदान कर देगा। इसके बाद कानून मंत्रालय से मशविरा करके इसे अगले माह तक लागू किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने कहा कि मतदाता चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हो। इस संबंध में हर एक संभव कदम उठाने के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि आयोग आचार संहिता ला रहा है।

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