मध्य प्रदेश में जीत के बाद भी कांग्रेस को EVM पर शक, कराएगी जांच
मध्य प्रदेश में सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि राज्य में सबसे उनके दल को सबसे अधिक सीटें मिली है। इसके बावजूद कांग्रेस का विंध्य क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर शक बरकरार है। उन्होंने कहा,पार्टी इस इलाके में हुई वोटिंग पैटर्न की वह विशेषज्ञों से निष्पक्ष जांच कराएगी।
कमलनाथ ने एक साक्षात्कार में कहा, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बहुमत के नजदीक आने के बावजूद हमारा ईवीएम पर विंध्य इलाके में शक बरकरार है। इसलिए हमने विंध्य क्षेत्र की वोटिंग एवं परिणाम पर एक फोरेंसिक स्टडी की पहल की है, जो कि वोटिंग पर एक्जिट पोल की तरह सर्वे करेगा। उन्होंने फॉरेंसिक जांच के बाद वह चुनाव आयोग का रुख करेंगे।
कमलनाथ ने कहा कि सतना जिले में मतदान के दिन सबसे ज्यादा ईवीएम की गड़बड़ी की सूचना आई तथा यह लगभग तीन घंटों तक बंद रही। यहां तक कि विंध्य में परिणाम वोटिंग पैटर्न से मेल नहीं खा रहे हैं। अध्ययन में गड़बड़ी की बात आने पर अदालत का रुख करने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि हम विचार करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस का मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। पार्टी को यहां की कुल 30 सीटों में से मात्र छह पर जीत मिली है, जबकि 24 पर भाजपा काबिज हुई है। इसी क्षेत्र में कांग्रेस के दो दिग्गज हार गए हैं। इनमें निवर्तमान मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह (अपनी परंपरागत चुरहट सीट) एवं प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह (अमरपाटन सीट) शामिल हैं।
कर्जमाफी की मेरे पास पुख्ता योजना : कांग्रेस के किसानों का कर्ज माफ करने के वादे पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा, मेरे पास इस बारे में पुख्ता योजना और रणनीति है। इसका खुलासा मैं 17 दिसंबर (कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने की तिथि) के बाद करुंगा।
कमलनाथ ने कहा, इंटरनेट पर देख लें कि बैंकों ने उद्योग और व्यावसायिक घरानों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ किया है। यदि उनका कर्ज माफ किया जा सकता है, तो किसानों का क्यों नहीं। रघुराम राजन अगर गांव को समझते हैं तो वो बात करें। वह बताएं कि कितने साल गांव में काटे हैं, कितने साल खेतों में काम किया है।