Top Stories

संघ की दशहरा पूजा

दिल्ली। दशहरा के विजयादशमी पर रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर स्थित मुख्यालय में शस्त्र पूजा की। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का असंदिग्ध निर्णय आया। एकमत से निर्णय था, सारे देश ने समाज ने उसे स्वीकार किया। हर्षोल्लास का विषय होने के बाद भी संयम से उसे मनाया। कोरोना संक्रमणकाल के चलते इस बार दश्हरा पूजा में सीमित लोग ही शामिलि हुए।
इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबाधित करते हुए कहा कि चीन के साम्राज्यवादी स्वभाव के सामने भारत तनकर खड़ा हुआ है, जिससे पड़ोसी देश के हौसले पस्त हुए हैं। कोई भी देश हमारी दोस्ती को कमजोरी न समझे।
कोरोना में दिया जागरुकता का परिचय
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना महामारी में देश ने जागरुकता का परिचय दिय है। कोरोना महामारी से होने वाला नुकसान भारत में कम है, इसके कारण कोरोना की बीमारी कैसे फैलेगी इसे समझकर हमारे शासन-प्रशासन ने उपाय बताए। उनका अमल हो, इसकी तत्परता से योजना की।
लोगों ने संकट में दिया परस्पर सहयोग
कोरोना में सारा समाज दूसरों की चिंता करने में जुट गया। लोग सहायता लेकर गए तो लोगों ने यह तक कहा कि हमारे पास सात दिन का राशन है, जिसे जरूरत है उसे दीजिए। संकट में लोगों ने परस्पर सहयोग दिखाया। अंग्रेजी में इसे सोशल कैपिटल कहते हैं, लेकिन यह हमारे संस्कारों में हैं। बाहर से आकर हाथ-पैर धोना, सफाई का ध्यान रखना यह हमारा सांस्कृतिक संचय है, यह हमारे व्यवहार में आ गया।
देश की समृद्धि  के लिए गांव में देना होगा रोजगा
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि देश की सम2द्ध के लिए हमें गांव में रोजगार के साधन उपलबध कराना होंगे। कोरोना काल में जो लोग गांव पहुंचे वह अभी अपने गांव में रोजगार की तलाश कर रहे हैं ऐसे में अब रोजगार पैदा करना है।
कार्यक्रम बदला
नागपुर में होने वाले संघ के इस कार्यक्रम में हर साल किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाता है। इस बार कोरोना महामारी के कारण किसी बाहरी व्यक्ति को कार्यक्रम में नहीं बुलाया। इस बार नागपुर में जयघोष और पथ संचलन भी नहीं किया गया।

Related Articles

Back to top button