अब जाधव बोले- टीम में नहीं चुनने के बारे में मुझे नहीं बताया गया
एक बार फिर फिट हो चुके केदार जाधव ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ बाकी बचे तीन वनडे मैचों के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं दी गई, जिसके बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को कहना पड़ा कि इस बल्लेबाज को चोटिल होने के उनके पुराने इतिहास के कारण टीम में नहीं चुना गया.
खिलाड़ियों के साथ संवादहीनता के लिए चयनकर्ताओं को पिछले कुछ समय में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है और जाधव के मामले ने एक बार फिर इस बहस को छेड़ दिया है. करुण नायर और मुरली विजय ने कहा था कि टेस्ट टीम से बाहर किए जाने से पहले चयनकर्ताओं ने उनसे बात नहीं की. इस दावे को हालांकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने खारिज किया था.
जाधव ने पिछले महीने एशिया कप के दौरान टीम में वापसी की थी, लेकिन फाइनल में मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या फिर उभरने के कारण उन्हें दोबारा रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा. देवधर ट्राफी के बीच में जाधव को भारत-ए टीम में जगह दी गई, क्योंकि चयनकर्ता उनकी वापसी पर फैसला करने से पहले उनकी फिटनेस परखना चाहते थे.
तीन राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की मौजूदगी में जाधव ने 25 गेंदों में नाबाद 41 रनों की पारी खेली और पांच ओवर भी फेंकते हुए अपना दावा पेश किया, लेकिन देवधर ट्रॉफी मैच के दौरान घोषित हुई टीम में महाराष्ट्र के इस खिलाड़ी को जगह नहीं दी गई. जाधव से जब यह पूछा गया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ बाकी बचे तीन मैचों में उनके चयन को लेकर किसी तरह की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है.’
पुणे के इस 33 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘देखते हैं क्या होता है. मुझे यह बताने वाले आप पहले व्यक्ति हैं. मुझे यह देखने कि जरूरत है कि उन्होंने मुझे क्यों नहीं चुना. मैं टीम में नहीं था इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या योजना है. संभवत: मैं रणजी ट्रॉफी में खेलूंगा.’
प्रसाद ने चयनकर्ताओं का बचाव करते हुए कहा कि जाधव को वापसी के लिए अधिक घरेलू मैचों में खेलना होगा. उन्होंने कहा, ‘हमने केदार को फिटनेस के उनके इतिहास को देखते हुए नहीं चुना. इससे पहले भी कुछ अवसरों पर उन्होंने फिट होकर वापसी की. लेकिन फिर चोटिल हो गए जैसे कि पिछले महीने एशिया कप में हुआ.’
जाधव ने कहा कि जब आप अच्छा खेल रहे होते हैं और चोटिल हो जाते हैं तो इससे पीड़ा पहुंचती है. उन्होंने कहा, ‘रिहैबिलिटेशन अच्छा था. मैं सभी टेस्ट पास करने के बाद यहां मैच फिट होकर आया था. सब कुछ ठीक है. बेशक जब आप फॉर्म में हों और चोटिल हो जाएं तो पीड़ा पहुंचती है. इससे अनिश्चितता पैदा होती है कि आपको अगला मौका कब मिलेगा. जब आप वापसी करते हैं तो आपको शून्य से शुरुआत करनी होती है, क्योंकि आप काफी मैचों में खेलने से चूक चुके होते हैं. इससे पीड़ा पहुंचती है, लेकिन आपको इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होता है.’