जीनत अमान से भी ज्यादा हिम्मत वाली है दीपिका पादुकोण
— Chappak :भारतीय इतिहास में दूसरी आदाकार जो जला हुआ चहरा दिखाएंगी
(राखी नंदवानी )
1978 में राजकूपर साहब ने एक फिल्म का निर्देशन किया था,फिल्म का नाम था सत्यम शिवम सुंदरम। इस फिल्म की कहानी उस दौरन में चल रही कहानियां से बहुत अलग थी। यह फिल्म इसलिए भी अलग थी क्योंकि फिल्म में अभिनेत्री को सुंदर नहीं बदसूरत दिखाया गया था और अभिनेत्री के लिए चुनौती कि बदसूरत चहरे के साथ दर्शकों के दिलों दिमाग पर किरदार को हावी कर देना। फिल्म की अभिनेत्री जीनत आमन ने इस जोखिम को न केवल उठाया बल्कि अमर कर दिया। जीनत के बाद से किसी भी अभिनेत्री ने बदसूरत चहरे के साथ किरदार करने की हिम्मत नहीं दिखाई यहां तक कि किसी निर्देशक या निर्माता ने इस तरह की कहानी पर भी काम करने का दम नहीं दिखाया। अब 41 साल बाद अपने करेयिर की चोटी पर बैठी बेहद खूबसूरत अभिनेत्री
दीपिका पादुकोण ने जीनत आमन से अधिक हिम्मत दिखाई है। दीपिका ने सिनेमा की बहेद खूबसुरत हिरोइन के किरदार को चुनौती देते हुए समाज के बहेद बदसूरत चहरे को अपने किरदार में दिखाया है। मेघना गुलजार की हिम्मत की भी दाद देनी होगी जो इस फिल्म को बना रही हैं।
दरअसल, सिने तारीका दीपिका पादुकोण एक फिल्म में ऐसा किदार कर रही है जिसकी सुरत समाज बर्दास्त नहीं करता है। दीपका की नई फिल्म छपाक में उन्होंने एक ऐसी लडकी की भूमिका निभाई है जिस पर एसिड अटैक किया जाता है और उसका चहेरा से लेकर बदन तक बुरी तरह झुलस जाता है। इस लडकी का चहेरा बदसूरत नहीं होता बल्कि इस घटना के बाद समाज का बहेद बदसूरत चहरा समाने आता है। फिल्म छपाक असल एसिड अटैक की घटना पर आधारति है। दीपिका एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की भूमिका कर रही है। हालांकि फिल्म में लक्ष्मी का नाम बादलकी मालती किया गया है। फिल्म की शूटिंग 25 मार्च 2019 सोमवार से शुरू हुई है। फिल्म छपाक अगले वर्ष 10 जनवरी 2020 में रिलीज होगी।
-दीपिका के तस्वीर पोस्ट करते हुई वायरल
दीपिका पादुकोण ने 25 मार्च 2019 की सुबह अपने पर ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर पोस्ट की,जिसका कैपशन लिखा गया कि मालती का किरदार उनके साथ हमेशा रहेगा.., फिल्म छपाक की शुटिंग आज 25 मार्च से शुरू…। इस तस्वीर को अब तक लाखों लोगों ने लाइक किया और शेयर किया है । सुबह से ही सिर्फ इस तस्वीर की चर्चा हो रही है।
-बहुत हिम्मत वाली है दीपिका
भारतीय सिनेमा में हिरोइनों को खूबसूरत दिखाई देना बेहद जरूरी है। उनकी खूबसूरती और छरैरा बदन ही दर्शकों को सिनेमा हॉल तक खीचंने का काफी हद तक पैमाना माना जाता है। भारतीय सिनेमा में हिरोइनों को बेबी डॉल की तरह ही प्रस्तुत किया जाता रहा है। हलांकि मौजुदा दौर में कुछ हिरोइनों ने इस इमेज को तोडने की कोशिश की है, सफल नहीं हुई। ऐसे में एक हिरोइन का बदसूरत चहरा लेकर दर्शकों के सामने आना बहुत हिम्मत का काम है,जबकि भारतीय दर्शक को भी खूबसूरत हिरोइन देखने की आदत हो या यूं कहे की पंसद ही खूबसूरती हैं,बाकि काम तो हीरो से करने की उम्मीद की जाती है। दीपिका पादुकोण ने छपाक फिल्म में लक्ष्मी की भूमिका को स्वीकार कर भारतीय दर्शकों,निर्माता और निर्देशको को आइना दिखा दिया है कि उन्हें हिरोइन के प्रति अपनी सोच बदलने की अवश्यकता है।
-हर दौर में याद किया जाएगा दीपिका (मालती)का किरदार
भारतीय सिनेमा में बहुत कम ऐसे किरदार जो अमर है, जिन्हें हर दौर में याद किया जा रहा हो, उसमें भी अधिकांश मेल एक्टर के किरदार शामिल है। लेकिन अब इस सूची में दीपिका पादुकोण का स्थान सबसे उंचा होगा। दीपिका द्वारा किया जा रहा मालती का किरदार सिनेमा के हर दौर में याद किया जाएगा।
-कौन है लक्ष्मी अग्रवाल
लक्ष्मी अग्रवाल का जन्म 1 जून 1990 को नईदिल्ली में मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। लक्ष्मी भी अन्य लडकियों की तरह अपने जीवन के सपने संजो रही र्थी,वे 15 साल की भी जब 2005 में सडक पर सरेआम 32 वर्षीय व्यक्ति गुड्डा और उर्फ नईम खान ने उन पर एसिड अटैक किया,जिसमें लक्ष्मी का चहेरा बुरी तरह झुलस गया। इस घटना ने पूरे देश में एसिट अटैक के विरोध में आंदोलन खडा कर दिया। लक्ष्मी ने हार न मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में यचिका लागाई जिसकी सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने एसिड अटैक के ममाले को अलग से दर्ज करने का आदेश और इस तरह के प्रकरणों को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने की बात कही।
संसद में एसिड की खुली बिक्री पर रोक लगाने का कानून भी बनाया। नए कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को एसिड नहीं बेचा जाएग और खरीदने वाले की पहचान के लिए कोई भी परिचय पत्र देना होगा। हालांकि बकौल लक्ष्मी इससे जमीनी स्तर पर बहुत कुछ नहीं बदला है। लक्ष्मी ने स्टॉप सेल एसिट नामक संस्था की स्थापना की और उसका संचालन कर रही है। लक्ष्मी दुनिया भर में एसिड अटैक पिडितों की आवाज बन गई है। उनको महिला और बाल विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय और उनके अभियान स्टॉप सेल एसिड के लिए यूनिसेफ से अंतर्राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण पुरस्कार 2019 मिला। लक्ष्मी को मिशेल ओबामा द्वारा 2014 का अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मान पुरस्कार प्रदान किया गया, उन्हें एनडीटीवी इंडियन ऑफ़ द ईयर के रूप में भी चुना गया है। लक्ष्मी कई तरह के अवार्ड से नवाजा जा चुकां है,पर लक्ष्मी कहती है कि यह सब कुछ नहीं अभी समाज की सोच में बदलाव लाना बाकी है। लक्ष्मी सामाजिक कार्यकर्ता आलोक दीक्षित के साथ लिव इन रिलेशन में रहती है और उनकी एक बेटी भी जिसका नाम पिहु है। लक्ष्मी टीव्ही शो होस्ट भी करती है।