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21 जून को सूर्य के साथ आंख मिलाना खतरनाक

 

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]

 

सूर्य के साथ आंख मिलाना खतरनाक है, फिर चाहे वह सूर्य-ग्रहण हो या सामान्य दिन। ऐसे में रविवार के सूर्यग्रहण को देखने के लिये सुरक्षित उपायों की जानकारी नेषनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी।

वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सोलर व्यूअर से ग्रहण देखना सबसे अच्छा होगा। इसके अलावा सूर्य की प्रतिबिंबित को किसी छोटे मिरर की मदद से दीवार पर बना कर देख सकते हैं। अगर घर में बड़ा मिरर है तो कागज में 2 समी का छिद्र बनाकर मिरर पर रखकर उससे सूर्य का प्रतिबिम्ब बनायें।

बिना सोलर फिल्टर लगे टेलिस्कोप या दूरबीन के माध्यम से सूर्य को कभी न देखें । स्मोक्ड ग्लास, कलर फिल्म, धूप का चश्मा, गैर-चांदी वाली ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का उपयोग न करें। वे सुरक्षित नहीं हैं।सस्ते टेलिस्कोप के आई-पीस के साथ मिलने वाले सौर फिल्टर का उपयोग न करें।

यदि आप सूर्य को नंगी आंखों से देखते हैं तो आपकी आंख का लेंस सूर्य के प्रकाश को आपकी आंख के पीछे रेटिना पर बहुत छोटे स्थान पर केंद्रित करेगा। इससे आपकी आंखें जल सकती हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम हो सकती है या अंधापन भी हो सकता है। और क्योंकि आपकी आंख के अंदर कोई दर्द संग्राहक (पेन रिसेप्टर) नहीं होता है इसलिए आपको पता भी नहीं चलेगा कि यह हो रहा है!
अगर आपको सोलर व्यूअर नहीं मिलता है तो सूर्य को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए 14 नंबर शेड वाला वेल्डर चश्मा भी एक सुरक्षित विकल्प है। लेकिन इसकी मदद से भी सूर्य को रुक-रुक कर देखें।

21 जून के बाद भारत से अगला सूर्य ग्रहण एक दशक बाद ही देखने को मिलेगा। इसलिए इस मौके को मत चूकिए और सूर्य-ग्रहण के दर्शनों के लिए तैयार हो जाइये लेकिन सुरक्षित तरीके से। लाॅकडाउन में कुछ सुरक्षित साधन न मिल पाये तो ऑनलाईन या मीडिया की मदद लीजिये।

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