मध्यप्रदेश में भूमाफियों को संरक्षण देने वाला सहकारिता विभाग भी राडार पर !
-भाजपा से चुनाव लड़ने को आतुर रहे जगदीश कनौज के इंदौर प्रेम की छानबीन के निर्देश मिले भोपाल से
( कीर्ति राणा )
मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश मिलने के बाद ही गुंडा तत्वों और भूमाफिया के खिलाफ साहसी कार्रवाई का दमखम दिखाने वाले प्रशासनिक विभागों को अब यह भी तथ्य जुटाना पड़ रहे हैं कि भूमाफियाओं के प्रति ‘प्रेमभाव’ रखने वाले सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भी तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजें।बहुत संभव है कि मल मास में सहकारिता विभाग का शुद्धिकरण कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री को इंदौर प्रशासन ने जो सूची भेजी है उसमें वही सारे नाम है जो शिवराज सरकार के वक्त भी निशाने पर रहे हैं फिर चाहे वे गुंडा तत्व हों या भूमाफिया।इस सूची की समीक्षा में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि तब भी कार्रवाई हुई लेकिन संरक्षण देने वाले विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बच गए। अब जब कमलनाथ सरकार के निर्देश पर कार्रवाई शुरु हुई है तो भूमाफिया से प्रेम भाव रखने वाले वही अधिकारी सहकारिता विभाग में जमे हुए हैं।प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश मिले हैं कि ऐसे सारे अधिकारियों की भी जानकारी जुटाएं। इस सूची में सबसे ऊपर सहकारिता विभाग के संयुक्त आयुक्त जगदीश कनौज का नाम आ रहा है। शिवराज सरकार के वक्त भी भू माफियाओं के खिलाफ चली कार्रवाई के वक्त भी जगदीश कनौज का नाम उछला था। तब डिप्टी रजिस्ट्रार महेंद्र दीक्षित को सहकारिता विभाग से एक साल में ही हटाने का कारण विभाग में की गई गड़बड़िया रहीं तो रिक्त हुए पद पर खरगोन डीआर रहे जगदीश कनौज डिप्टी रजिस्ट्रार इंदौर का आदेश करा लाए थे। बाद में इसी पद से पदोन्नति पश्चात संयुक्त पंजीयक पदस्थ हो गए थे।
-विधायक और सांसद का टिकट भी मांग चुके हैं भाजपा से
संयुक्त पंजीयक रहे कनौज दो चुनाव में भाजपा से कुक्षी विधानसभा का टिकट मांग चुके हैं। यही नहीं धार संसदीय क्षेत्र से भी भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे।गत वर्ष विधानसभा चुनाव के चलते उनका तबादला बुरहानपुर स्थित नवलसिंह शकर कारखाने में एमडी पद पर किया गया था लेकिन सरकार बदलते ही वे पुन: संयुक्त आयुक्त पद पर इंदौर आ गए। उनके वापस पदस्थ होने पर भोपाल में इंदौर के नेताओं ने मुख्यमंत्री से शिकायत भी की थी। तब सहकारिता मंत्री गोविंद सिँह ने सफाई दी थी कि उनकी जानकारी के बगैर इंदौर का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्रियों ने आदेश जारी करवा लिया। जबकि सीएम से शिकायत करने वाले कांग्रेसजनों ने कनौज पर सहकारिता मंत्री से सेटिंग करने तक के आरोप लगाए थे।इसी तरह के आरोप भाजपा शासन में सांसद प्रभात झा और ताई विरोधी गुट के नेताओं पर भी लगाए गए थे।
जांच की जा रही है -कलेक्टर
कलेक्टर लोकेश जाटव ने कहा कि सहकारिता विभाग के किन अधिकारियों ने भूमाफिसाओ को संरक्षण दिया इसकी जांच की जा रही है।विभागीय स्तर पर तथ्य जुटाकर शासन को रिपोर्ट भेजना है।किन अधिकारियों के नाम हैं यह बताना संभव नहीं ।