टूलकिट मामला: भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सबूत पेश कर पूछा- क्या राहुल और सोनिया अब जवाब देंगे?
नई दिल्ली। मोदी सरकार को बदनाम करने वाली टूलकिट का मामला बढ़ता जा रहा है। बुधवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘सबूत’ भी पेश किए। उन्होंने दावा किया कि यह टूलकिट कांग्रेस द्वारा तैयार की गई है जिसके जरिए कोरोना काल में राजनीतिक लाभ लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की तैयारी थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह टूलकिट ‘सौम्या वर्मा’ ने तैयार की है। पात्रा ने दावा किया कि सौम्या कांग्रेस सांसद एमवी राजीव गौड़ा के ऑफिस में काम करती हैं।
पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सौम्या वर्मा के सोशल मीडिया अकाउंट्स का ब्योरा और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा गौड़ा के साथ उनकी कुछ तस्वीरें साझा कीं। साथ ही उन्होंने टूलकिट के स्रोत से संबंधित एक दस्तावेज भी जारी किया
संबित पात्रा ने पोस्ट शेयर कर पूछा- राहुल और सोनिया जवाब देंगे?
संबित पात्रा ने इंटरनेट मीडिया पर जो फोटोज शेयर की हैं, उनमें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर एक टूलकिट डॉक्यूमेंट दिखाई दे रहा है। इसमें राइटर का नाम सौम्या वर्मा बताया जा रहा है। अगले कुछ फोटोज में ये महिला राहुल और सोनिया के साथ दिख रही हैं। एक और फोटो में इन्हें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा के ऑफिस का मेंबर बताया गया है।
पात्रा ने लिखा है कि कांग्रेस कल ये जानना चाहती थी कि इस टूलकिट का राइटर कौन है। इस पेपर की प्रॉपर्टी चेक कीजिए। ऑथर- सौम्या वर्मा। सौम्या वर्मा कौन हैं? सबूत खुद बोल रहे हैं। क्या अब राहुल और सोनिया इस पर जवाब देंगे?
एक दिन पहले ही टूलकिट पर आमने-सामने आए कांग्रेस-भाजपा
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना जैसे संकट काल में विपक्षी दल (कांग्रेस) की गिद्धों की राजनीति उजागर हुई है। उन्होंने कांग्रेस पर एक विशेष टूलकिट के जरिए इंटरनेट मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है मामला
वहीं टूलकिट का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने याचिका लगाकर पूरे मामले की एनआईए से जांच कराने की मांग रखी है। याचिका में कहा गया कि टूलकिट के जरिए सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने और दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने की योजना थी। याचिका में कहा गया है कि दोष साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद हो।
जानें- क्या होती है टूलकिट (what is toolkit)
आम टूलकिट तो औजारों का सेट होती है लेकिन इंटरनेट के दौर में जो टूलकिट चर्चा में है उसे किसी मुद्दे, आंदोलन या अभियान के लिए बड़े वर्ग को प्रभावित करने के उपायों के संकलन के तौर पर समझ सकते हैं। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट भी काफी चर्चा में रही थी।टूलकिट उन तमाम जानकारियों का संग्रह होती है जिससे किसी मुद्दे को समझने और उसके प्रचार-प्रसार में मदद मिलती है। दरअसल ये किसी थ्योरी को प्रैक्टिकल में बदलने वाला दस्तावेज है, जो आम तौर पर किसी खास मुद्दे और खास दर्शक/समर्थक वर्ग के लिए तैयार की जाती है। टूलकिट जितनी विस्तृत और परिपूर्ण होगी, लोगों के लिए उतना ही उपयोगी साबित होगी। इनका प्रयोग राजनीतिक अपना एजेंडा चलाने या चुनाव अभियान के लिए भी करने लगे हैं।