शाह जादा’ के बाद अब डोभाल के बेटे पर राहुल का निशाना, ट्वीट किया-‘अजित शौर्य गाथा’
एक न्यूज वेबसाइट के खुलासे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे को लेकर हावी चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अटैक का एक और मौका मिल गया है. अब राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के बेटे को लेकर तंज कसा है. राहुल ने इस संबंध में शनिवार सुबह एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक वेबसाइट की खबर भी शेयर की है, जिसमें अजित डोवाल के बेटे को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं.
राहुल गांधी ने खबर शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा है, ”शाह-जादा की ‘अपार सफलता’ के बाद भाजपा की नई पेशकश- अजित शौर्य गाथा”.
दरअसल, राहुल गांधी ने जो खबर शेयर की है, उसमें एनएसए अजित डोवाल के बेटे शौर्य डोवाल की संस्था ‘इंडिया फाउंडेशन’ में मोदी सरकार के मंत्रियों के शामिल होने और फाउंडेशन को देशी-विदेशी कंपनियों से लाभ पहुंचने का दावा किया गया है.
वेबसाइट ने अपनी खबर में दावा किया है कि शौर्य डोवाल की संस्था 2014 से पहले तक केरल में जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों पर ग्राफिक्स डिजाइन का काम करती थी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये संस्था 2009 से काम कर रही है, मगर 2014 के बाद संस्थान की गतिविधियों में अप्रत्याशित तेजी आई और इसने जबरदस्त तरक्की की है. 2014 के बाद संस्थान के ग्राफ में आई वृद्धि को लेकर ही वेबसाइट की खबर में सवाल उठाए गए हैं.
देश का सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक
न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये संगठन सबसे प्रभावशाली थिंक टैंक है, जो देश विदेश के उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट्स को सरकारी नीतियों पर गहन चर्चा के लिए मंच उपलब्ध कराता है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संस्थान के मंच पर बड़े कारोबारी, केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मिलते-जुलते हैं.
कई मंत्रियों से फाउंडेशन का जुड़ाव
ये भी दावा किया गया है कि ‘इंडिया फाउंडेशन’ को शौर्य डोवाल और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव चलाते हैं. साथ ही इसके निदेशक मंडल में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु और नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के अलावा विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर भी शामिल हैं.
न्यूज रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि फाउंडेशन का अपारदर्शी वित्तीय लेन-देन और केंद्रीय कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों का इसमें डायरेक्टर होना कई तरह के सवाल खड़े करता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि संगठन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शौर्य डोवाल का खुद एक ऐसी वित्तीय संस्था जेमिनी फायनेंशियल सर्विसेस नाम की फर्म चलाते हैं, जो एशियाई और दूसरे देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच लेनदेन का काम करती है. न्यूज रिपोर्ट में इन तथ्यों की दलील देते हुए हितों के टकराव का दावा किया गया है.
नहीं मिले सवालों के जवाब
वेबसाइट ने ये भी दावा किया है कि यह संस्थान एक ट्रस्ट चलाता है, ऐसे में कानूनी तौर पर उसके लिए बैलेंसशीट सार्वजनिक करना जरूरी नहीं है. वहीं ये भी दावा किया गया है कि संस्थान केंद्रीय मंत्रियों के जुड़े होने के बावजूद उसने अपने इनकम सोर्स बताने से इनकार कर दिया है. वेबसाइट ने फाउंडेशन से जुड़े 6 लोगों से इस संबंध में सवाल पूछने पर भी कोई जवाब न मिलने का दावा किया है. हालांकि, ये भी लिखा गया है कि शौर्य डोवाल ने कॉन्फ्रेंस, विज्ञापन और जर्नल से फाउंडेशन को कमाई को होने की बात कही है.
क्या है इंडिया फाउंडेशन
इंडिया फाउंडेशन अधिकारिक तौर पर कहता है कि वो एक स्वतंत्र रिसर्च केंद्र है, जिसका कार्यक्षेत्र भारतीय राजनीति के मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों का अध्ययन करना है.