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प्रवासी मजदूरों के मामले में कांग्रेस का केंद्र पर हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की सराहना की जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को सूखा राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है । एक बयान में, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को एनएसएस घरेलू खपत सर्वेक्षण की ताजा संख्या आज से एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक डोमेन में डालनी चाहिए और लोगों को नए एनएसएस घरेलू उपभोग सर्वेक्षण की तैयारियों के बारे में भी सूचित करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सरकार को जगाने और आंखें खोलने वाला है। उन्होंने कहा कि अदालत ने श्रम और रोजगार मंत्रालय के ढीले रवैये की आलोचना की। सुरजेवाला ने कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा, ‘श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा उदासीन रवैया अक्षम्य है, जबकि असंगठित श्रमिक राज्यों और केंद्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को कोर्ट के फैसले के बाद हटाने की भी मांग की।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी श्रम मंत्री को बर्खास्त करने का वारंट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के प्रवासी मजदूरों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने लाकडाउन के दौरान प्रवासियों के संकट से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जिम्मेदारी तय करने की भी मांग की। सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला मोदी सरकार द्वारा किए गए अक्षम्य पापों के लिए आंख खोलने वाला है। इसने शहरी भारत के निर्माताओं की दुर्दशा और दुखों की अनदेखी की है। प्रवासी मजदूरों के साथ बाहरी लोगों और दूसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया गया है। कोरोना महामारी के दौरान खुद को बचाने के लिए उन्हें हाशिये पर धकेल दिया गया। सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियों के बाद कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए समय आ गया है कि वे शहरी भारत के वास्तुकारों-प्रवासी मजदूरों से बिना शर्त माफी मांगें।

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